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Pune News: पुणे में ट्रैकिंग के दौरान ऐसे फंसा शख्स कि आफत में पड़ गई जान, घंटों के रेस्क्यू के बाद बचाया गया

Updated Aug 01, 2022 | 22:54 IST

Dhakoba Fort in Pune: पुणे के ढकोबा दुर्ग में एक साफ्टवेयर इंजीनियर को अकेले ट्रैकिंग करना भारी पड़ गया। रात में कोहरा होने की वजह से वह घाटी में 11 घंटे फंसा रहा। पर्वतारोहण बचाव दल और आपदा प्रबंधन दल की मदद से उसे किसी तरह बचाया जा सका।

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तस्वीर साभार:&nbspFacebook
पुणे में ट्रैकिंग के दौरान फंसा युवक, रेस्क्यू कर बचाया गया (प्रतीकात्मक तस्वीर)
मुख्य बातें
  • ढकोबा में अकेले ट्रैकिंग करने गया था युवक
  • हैदराबाद से आया युवक 11 घंटे ढकोबा की घाटी में फंसा रहा
  • मोबाइल फोन में आए नेटवर्क से बची जान, आपदा प्रबंधन दल बना देवदूत

Dhakoba Fort in Pune: पुणे की ढकोबा घाटी में फंसे युवक को रेस्क्यू अभियान चलाकर बचाया गया है। युवक वहां ट्रैकिंग करने के लिए अकेले आया था। युवक आधी रात को 11 घंटे तक घाटी में फंसा रहा। अच्छी बात ये रही कि उसके मोबाइल फोन में नेटवर्क था। इसके बाद उसने पर्वतारोहण संगठनों से संपर्क किया और समय पर मदद से उस युवक की जान बचाई जा सकी।

बता दें कि, हैदराबाद के एक साफ्टवेयर इंजीनियर विनोद जी चलपति बगुल शाम को गूगल सर्च के जरिए ढाकोबा घाटी में ट्रैकिंग करने के लिए मुरबाड आए थे। वहां से वह दोपहर 3 बजे टोकावडे पहुंचे और कंधे पर 15 किलो का बैग लेकर दुर्ग ढकोबा पर चढ़ने लगे। लेकिन शाम करीब पांच बजे घने कोहरे के कारण वह बीच में ही फंस गए थे। समय पर तत्परता दिखाते हुए टीम ने उन्हें रेस्क्यू कर लिया।

ऐसे बचाया गया युवक को

मिली जानकारी के अनुसार, विनोद ने घाटी में फंसने के बाद महाराष्ट्र पर्वतारोहण बचाव समन्वय केंद्र (एमएमआरसीसी) से संपर्क किया। इसके बाद ओंकार ओक ने मुरबाद के सहयागिरी एडवेंचर क्लब के दीपक विशे से संपर्क किया। दीपक विशे, कुसुम विशे और शांताराम बामने रात को 1 बजे जुन्नार आए। जुन्नार से आपदा प्रबंधन दल के संतोष कबड्डी और प्रशांत कबड्डी के साथ वे बचाव सामग्री और एंबुलेंस के साथ अंगलुन होते हुए तड़के दो बजे दुर्गवाड़ी क्षेत्र पहुंच गए। स्थानीय कुम्हार लक्ष्मण निर्मल को लेकर वह घाटी से नीचे की ओर उतरने लगे। घना कोहरा होने के कारण घाटी में रेस्क्यू करना मुश्किल हो रहा था।

घाटी से नीचे उतकर बचाव दल ने किया रेस्क्यू

बता दें कि, सुबह चार बजे मौसम कुछ साफ होने लगा। इसके बाद बचाव दल नीचे उतरने लगे। 700 से 800 फीट नीचे उतरकर बचाव दल के सदस्यों ने विनोद को बचाया और उन्हें सुबह 10 बजे दुर्गवाड़ी ले गए। उसके बाद पुणे ग्रामीण पुलिस के जुन्नार पुलिस स्टेशन में विनोद का बयान दर्ज कराया गया। बता दें कि, इसके बाद विनोद बचाव दल का शुक्रियादा करते हुए नहीं थक रहे थे।