- पुणे के ससून अस्पताल में टीबी विभाग को मिला स्वतंत्र वार्ड
- टीबी के स्वतंत्र वार्ड से मरीजों को मिलेगा काफी ज्यादा लाभ
- पिछले 16 साल से चल रही थी स्वतंत्र वार्ड की मांग
Pune TB Hospital: जिले के ससून अस्पताल में 16 साल बाद टीबी विभाग को मरीजों का इलाज के लिए अपना स्वतंत्र वार्ड मिला। वार्ड को अस्पताल परिसर में नए ग्यारह मंजिला भवन की नौवीं मंजिल पर पुराने भवन से ट्रांस्फर किया गया था। ससून अस्पताल में मौजूद 1800 बेड में से सिर्फ 72 बेड पाने के लिए टीबी विभाग की ओर से पिछले 16 साल से प्रयास किया जा रहा था। लंबे इंतजार के बाद ससून अस्पताल के प्रशासनिक स्तर पर तेजी से चहल पहल हुई और नए भवन में बने वार्ड को टीबी विभाग को देने का फैसला लिया गया। बी जे मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ.विनायक काले ने कहा, इस संबंध में कहा कि, ससून अस्पताल के नए भवन का निर्माण टीबी विभाग की साइट पर किया गया है।
इसलिए, इस विभाग को एक वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित कर दिया गया था। मांग थी कि इस विभाग के लिए एक जगह 70 बेड का अलग वार्ड बनाया जाए। इसलिए उन्हें नए भवन में वार्ड दिया गया। इसलिए, इस विभाग द्वारा रोगी देखभाल की गुणवत्ता को बढ़ाया जाएगा। वहीं बी जे मेडिकल कॉलेज प्राइवेट के श्वसन विभाग के प्रमुख डॉक्टर संजय गायकवाड़ ने ससून अस्पताल प्रशासन को धन्यवाद दिया।
स्वतंत्र वार्ड की आवश्यकता क्यों?
आपको बता दें कि, टीबी यानी क्षयरोग के रोगियों को अच्छे इलाज और उचित देखभाल के लिए सभी सुविधाओं के साथ एक अलग वार्ड की आवश्यकता होती है। क्षयरोग के वार्ड अन्य सामान्य वार्डों से अलग हैं। संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए यह व्यवस्था महत्वपूर्ण है।मनुष्य की एक-एक सांस सुरक्षित रहनी चाहिए। टीबी के मरीजों से अन्य बीमारियों के ग्रासित मरीजों को भी अलग रहना चाहिए। अब अस्पताल में टीबी विभाग के नए वार्ड का मरीजों को काफी ज्यादा लाभ पहुंचेगा। 16 साल की कोशिश के बाद आखिरकार टीबी विभाग को 72 बेड का वार्ड मिल गया है।