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Jharkhand blind Saurabh: हौंसलों ने हासिल किया मुकाम, नेत्रहीन सौरभ को माइक्रोसॉफ्ट से मिला ये बड़ा ऑफर, जानें

Updated Aug 20, 2022 | 15:20 IST

Saurabh Gets a Job in Microsoft: झारखंड के एक नेत्रहीन युवक ने अपने जैसे कई युवाओं के लिए उम्मीद की नई रोशनी जगा दी है। चतरा के टंडवा निवासी सौरभ को माइक्रोसाफ्ट में नौकरी मिली है। इनका सालाना पैकेज 51 लाख रुपए का है।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
नेत्रहीन युवक ने माइक्रोसॉफ्ट में पाई इतने बड़े पैकेज पर नौकरी
मुख्य बातें
  • सौरभ ने बचपन में गंवा दी थी आंखों की रोशनी
  • पिता की प्रेरणा और मेहनत से जेईई मेंस में सफलता पाई
  • फिलहाल आईआईटी दिल्ली में तीसरे वर्ष के हैं छात्र

Jharkhand News: झारखंड के नेत्रहीन युवक ने कमाल कर दिखाया है। पिता की प्रेरणा और अपनी मेहनत से अपने आईआईटी दिल्ली तक का सफर तय किया। अब पढ़ाई के दौरान ही माइक्रोसॉफ्ट में 51 लाख रुपए के सालाना पैकेज पर नौकरी हासिल की है।  इनका नाम सौरभ है। यह चतरा के टंडवा के रहने वाले हैं। इनके पिता महेश प्रसाद गुप्ता ने बताया है कि बचपन में ही सौरभ ने अपनी आंखों की रोशन गंवा दी थी, लेकिन वह बचपन से ही कुछ बनना चाहता था। 

उसने मन लगाकर पढ़ाई की और जेईई मेंस में अच्छी रैंक हासिल की। फिलहाल आईआईटी दिल्ली में तीसरे वर्ष का छात्र है। सौरभ का कहना है कि वह बचपन से ग्लूकोमा बीमारी से ग्रसित थे। क्लास तीन के बाद उनकी आंखों की रोशनी पूरी तरह खत्म हो गई थी। इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और अपनी पढ़ाई जारी रखी। 

तीसरी क्लास के बाद ब्रेल लिपि में की पढ़ाई

आंखों की रोशन खत्म होने के बाद सौरभ ने आगे की पढ़ाई ब्रेल लिपि में करने की ठानी। पिता महेश ने उनका दाखिला संत मिखाइल स्कूल में करा दिया। वहां सौरभ ने सातवीं तक पढ़ाई की। इसके बाद उनके सामने बड़ी परेशानी आ गई। आठवीं से 10वीं की किताबें ब्रेल लिपी में नहीं छपी थीं। तब सौरभ को लगा की उनकी सारी मेहनत बेकार हो गई। सौरभ के आग्रह पर सरकार ने किताबें छपवाईं। इसके बाद उन्होंने अपना एडमिशन एनआईवीएस देहरादून स्कूल में कराया।

मैट्रिक में सौरभ ने किया था टॉप

देहरादून से पढ़ाई के दौरान सौरभ ने मैट्रिक में टॉप किया था। 2017 में सौरभ ने 9.8 सीजीपीए हासिल किया था। फिर दिल्ली के वसंत विहार स्थित टैगोर इंटरनेशनल स्कूल में एडमिशन करवाया। यहां कंप्यूटर के सहारे सामान्य विद्यार्थियों के बीच पढ़ाई शुरू की। 2019 में इन्होंने आईएससी में 93 प्रतिशत अंक हासिल किए। इसी दौरान जेईई मेंस भी क्वालीफाई किया था। इसकी रैंक के आधार पर दिल्ली आईआईटी में एडमिशन करवाया और आज इतना बड़ा मुकाम हासिल कर देश को मान बढ़ाया।