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Wildlife Rescue Center:रांची में 'जंगल में मंगल', बनने जा रहा है सूबे का पहला अत्याधुनिक वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर

Updated Jun 07, 2022 | 16:15 IST

Ranchi Wildlife Rescue Center: झारखंड में अब अत्याधुनिक वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर खोला जाएगा। राजधानी मुख्यालय से 22 किलोमीटर दूर इसका निर्माण शुरू हो चुका है। इसके निर्माण के लिए फंड जारी हुए हैं। इसमें से कुछ रकम खर्च भी हुई है। इससे जानवरों के लिए बाड़े बनाए गए हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspTwitter
रांची में बन रहा वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर
मुख्य बातें
  • अब तक रेस्क्यू सेंटर पर 8 करोड़ रुपए हो गए खर्च
  • बोकारो से दो भालू लाकर रेस्क्यू सेंटर में रखे गए
  • अगले चरण में हाथी एवं हाइना का बाड़ा बनाया जाएगा

Wildlife Rescue Center Construction: रांचीवासियों के साथ ही यहां आने वाले पर्यटकों को सरकार ने वन्य जीवन को पास से देखने और समझने का अवसर दिया है। जी हां, शहर से करीब 22 किलोमीटर दूर ओरमांझी के बरवे में सूबे का पहला वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर बन रहा है। इसका निर्माण 101 एकड़ जमीन पर कराया जाना है। फिलहाल भालू, हिरण, बंदर और तेंदुआ के बाड़े बनाए गए हैं। रेस्क्यू निर्माण पर अब तक आठ करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।

इस बारे में झारखंड के मुख्य वन संरक्षक वन्य प्राणी रांची विश्वनाथ साह का कहना है कि बोकारो से दो भालू को बरवे में बनाए गए रेस्क्यू सेंटर रखा गया है, जो कि सूबे के लिए गौरव की बात है। अगले चरण में हाथी एवं हाइना का बाड़ा बनेगा। इसका प्रस्ताव केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण नई दिल्ली को अनुमोदन के लिए भेजा गया है। मंजूरी मिलने पर अगले चरण में इसे करीब 10 करोड़ रुपए और खर्च करके पूरा करवाया जाएगा। 

2024 पूरी तरह चालू हो जाएगा रेस्क्यू सेंटर

यह वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर 2024 में पूरी तरह चालू कर दिया जाएगा। बरवे वन्यप्राणी रेस्क्यू सेंटर के डीएफओ उमेश साहनी का कहना है उक्त समय तक सेंटर बनकर पूरी तैयार हो जाएगा। इसमें पशु चिकित्सक, प्रशिक्षित कर्मचारी, रेस्क्यू गाड़ी, केज, रेस्क्यू उपकरण की सुविधा रहेगी। इसके साथ ही रेस्क्यू सेंटर में कहीं बाहर से किसी जानवार को लाया जाएगा एवं उसकी मौत हो जाती है तो उसे जलाने, दफनाने की भी सुविधा होगी।  

किसी वन प्रमंडल में जंगली जानवरी उत्पाद करेगा तो उसे डीएफओ ही पहुंचाएंगे

अधिकारी ने बताया कि सूबे के किसी भी वन प्रमंडल में कोई भी जानवर उत्पात करता है या बीमार है तो उसे संबंधित डीएफओ ही इस रेस्क्यू सेंटर में पहुंचाएंगे। इलाज के बाद ठीक होने वाले जानवरों को केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण के आदेश पर जंगल में छोड़ दिया जाएगा। इसके अलावा किसी चिड़ियाघर में भी रखा जा सकता है। इस बारे में सभी वन प्रमंडल के डीएफओ का पत्र जारी कर दिया गया है।