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Ranchi Railway Station: इस स्टेशन की तर्ज पर अपग्रेड होगा रांची स्टेशन, निर्माण पर 447 करोड़ रुपए होंगे खर्च

Updated Jul 02, 2022 | 18:34 IST

Ranchi Railway Station: रांची स्टेशन अब काफी व्यवस्थित और सुंदर बनने वाला है। इसे विकसित करने की योजना बना ली गई है। बहुत जल्द ही इस स्टेशन का मॉडल भी बनवा लिया जाएगा। दूसरे हफ्ते में प्रधानमंत्री द्वारा इसके सौंदर्यीकरण कार्यों का शिलान्यास किया जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspANI
रांची स्टेशन का बदलेगा स्वरूप
मुख्य बातें
  • प्रधानमंत्री ऑनलाइन कर सकते हैं स्टेशन के रि-डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का शिलान्यास
  • प्रोजेक्ट इंजीनियरिंग प्रिक्योरमेंट ऑफ कंस्ट्रक्शन के तहत पूरा होना है
  • यह पूरा काम अगले ढाई साल में पूरा करने का है लक्ष्य

Ranchi Railway Station: भोपाल के हबीबगंज स्टेशन की तर्ज पर रांची रेलवे स्टेशन को विकसित किया जाएगा। इस स्टेशन का मॉडल बन चुका है। इसके रि-डेवलपमेंट पर 447 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 12 जुलाई को स्टेशन के रि-डेवलपमेंट का ऑनलाइन शिलान्यास किए जाने की संभावना है। इस प्रोजेक्ट का नाम मेज अपग्रेडेशन ऑफ रांची स्टेशन रखा गया है। प्रोजेक्ट ईपीसी यानी इंजीनियरिंग प्रिक्योरमेंट ऑफ कंस्ट्रक्शन के तहत होगा। इस प्रोजेक्ट का काम ढाई साल में ही पूरा किया जाना है। 

इस पूरे प्रोजेक्ट पर दो साल से काम चल रहा था। दक्षिण पूर्व रेलवे की जनरल मैनेजर (जीएम) अर्चना जोशी द्वारा इस स्टेशन को ईपीसी मोड पर बनाने के लिए अहम काम किया गया। बता दें स्टेशन के दोनों ओर तीन मंजिला बिल्डिंग रहेगी। इनमें लिफ्ट की सुविधा होगी। एक बार में सात हजार यात्री वेटिंग एरिया में ठहर सकेंगे। एक-दूसरे से बिल्डिंग कनेक्ट रहेगी। एयरपोर्ट की तर्ज पर रेस्टोरेंट और एयर कंडीशन रिटायरिंग रूम की भी सुविधा होगी। 

छह प्लेटफॉर्म का होगा स्टेशन

रांची स्टेशन छह प्लेटफॉर्म का किया जाएगा। अभी पांच प्लेटफॉर्म हैं। सभी प्लेटफॉर्म पर लिफ्ट और एस्केलेटर की सुविधा रहेगी। स्टेशन के दोनों तरफ काफी बड़ा सर्कुलेटिंग एरिया रहेगा। वाहनों की पार्किंग की भी सुविधा बढ़ाई जाएगी। 

स्टेशन को बनाया जा रहा अत्याधुनिक

इस बारे में रांची रेल मंडल के सीनियर डीसीएम निशांत कुमार ने बताया कि रांची स्टेशन को अत्याधुनिक बनवाया जा रहा है। ईपीसी के तहत काम करवाया जाएगा। पूरे प्रोजेक्ट की लागत 447 करोड़ रुपए है। यह रि-डेवलपमेंट कार्य ढाई साल में पूरा कराने का लक्ष्य है। फिलहाल टेंडर की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। अलग-अलग कंपनियों के कोटेशन मिलने के बाद कम दर और गुणवत्तापूर्ण काम करने वाली एजेंसी का चयन किया जाएगा। फिर उन्हें वर्क ऑर्डर जारी कर दिया जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में दो महीने का समय लग सकता है।