- एनएचएआई द्वारा बनवाया जा रहा एलिवेटेड कॉरिडोर और पिस्को आरओबी
- सिरमटोली फ्लाईओवर का निर्माण करा रही राज्य सरकार
- रातू रोड में एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के लिए मिट्टी की जांच कर ली गई है
Ranchi Flyover: रांची शहर में फिलहाल तीन अहम सड़क परियोजनाओं पर काम चल रहा है। दो फ्लाईओवर और एक एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है। एनएचएआई के माध्यम से एलिवेटेड कॉरिडोर और पिस्का रेलवे ओवरब्रिज (आरओबी) का काम कराया जा रहा है। वहीं राज्य सरकार के स्तर पर सिरम टोली फ्लाईओवर बनवाया जा रहा है।
बता दें, सबसे पहली परियोजना रातू रोड की है। इसमें एलिवेटेड कॉरिडोर बनाए जाने के लिए मिट्टी की जांच पूरी हो गई है। दूसरी परियोजना सिरम टोली से राजेंद्र चौक होकर मेकन चौक तक फ्लाईओवर बनाने की है। इसके लिए भी मिट्टी जांच का काम हो रहा है। तीसरी परियोजना एनएच-23 पर पिस्का आरओबी बनाने की है।
आरओबी बनाने के लिए कंपनी के साथ हो गया एकरारनामा
एनएच-23 पर पिस्का रेलवे ओवरब्रिज बनवाने के लिए निर्माण कंपनी के साथ डेट ऑफ अपॉइंटमेंट हो गया है। बहुत ही जल्द निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा। इस आरओबी के निर्माण के लिए मार्च में ही टेंडर फाइनल हो गया था। इस परियोजना के लिए 47.23 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला गया था। फिर कंपनी को यह काम 39.57 करोड़ रुपए में दिया गया। परियोजना में भू-अर्जन की राशि अतिरिक्त है। भू-अर्जन पर 60 करोड़ रुपए व्यय है।
2.34 किलोमीटर लंबा बनेगा फ्लाईओवर
सिरम टोली से राजेंद्र चौक होकर मेकन चौक तक प्रस्तावित फ्लाईओवर की लंबाई 2.34 किलोमीटर होगी। इसका निर्माण पथ निर्माण विभाग करा रहा है। इसके निर्माण की जिम्मेदार एलएनटी कंपनी को दी गई है। फ्लाईओवर बनाने में 271 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। कार्यकारी एजेंसी निर्माण शुरू करने से पहले पटेल चौक से सिरम टोली चौक के बीच तीन जगहों पर सड़कों के बीचोबीच मिट्टी की जांच शुरू कर दी है। पथ निर्माण विभाग के इंजीनियर का कहना है कि, मिट्टी की जांच से काफी हद तक जमीन के नीचे की स्थिति की जानकारी हो जाएगी।
रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए 80 % से अधिक जमीन उपलब्ध
रातू रोड एलिवेटेड कॉरिडोर के निर्माण के लिए मिट्टी की जांच कर ली गई है। जाकिर हुसैन पार्क से पिस्का मोड़ तक सड़क के दोनों तरफ एनएच-23 पर इटकी रोड में एलिवेटेड रोड बनाया जाना है। इसमें पिस्का मोड़ से पंडरा रोड तक मिट्टी की जांच कर ली गई है। इसके अलावा अंडरग्राउंड केबलिंग समेत कई काम शुरू कर दिए गए हैं। इस परियोजना के लिए 80 प्रतिशत से ज्यादा जमीन भी मिल चुकी है। नागाबा खटाल के पास जमीन का मामला फंसा है।