- अनाज एटीएम के माध्यम से राशन वितरण में आने वाली तमाम दिक्कतों पर लगेगी रोक
- झारखंड सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूरे प्रदेश में 10 जगहों पर लगाएगी एटीएम मशीन
- इसका उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली का आधुनिकीकरण और लाभार्थियों को होगी खाद्य पदार्थों की निर्बाध डिलीवरी
Ranchi News: झारखंड के सार्वजनिक वितरण प्रणाली के द्वारा राशन वितरण में एक बड़े बदलाव की बात सामने आ रही है। इस बदलाव के तहत अब सरकारी राशन दुकानों से अनाज का उठाव कराने के दौरान होने वाली तमाम समस्याओं को खत्म करते हुए झारखंड सरकार पायलट प्रोजेक्ट के तहत पूरे प्रदेश में 10 जगहों पर एटीएम मशीनों से अनाज बांटेगी। अनाज एटीएम, एक बहु-वस्तु स्वचालित मशीन को स्थापित करने हेतु मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की सराकर के द्वारा एक महत्वाकांक्षी परियोजना पर काम किया जा रहा है।
सरकार के इस कदम का उद्देश्य सार्वजनिक वितरण प्रणाली का आधुनिकीकरण करना है, जिससे की लाभार्थियों को खाद्य पदार्थों की निर्बाध डिलीवरी कराई जा सके। साथ ही, इसके माध्यम से आपूर्ति श्रृंखला में रिसाव की जांच की जाएगी। इस राज्य के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है, जहां 3 करोड़ आबादी के बीच 65 लाख से अधिक राशन धारक हैं।
एजेंसी के लिए बधाई गई अंतिम तिथि
राज्य के खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के विभाग के एक अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार, विभाग अनाज एटीएम की आपूर्ति, स्थापना, मेंटेनेंस, संचालन के लिए एक एजेंसी की तलाश की जा रही है। इस महीने की शुरुआत में परियोजना के लिए रुचि की अभिव्यक्ति जारी की है, इच्छुक पार्टियों से अपना प्रस्ताव भेजने की मांग की गई है। बोली लगाने हेतु आवेदन करने की तिथि अब 23 मार्च तक बढ़ा दी गई है, क्योंकि पहले 12 मार्च तक केवल एक पार्टी ने रुचि दिखाई थी।
आने वाले कुछ महीनों में चालू हो जायेंगे अनाज एटीएम
जानकारी के अनुसार, एक एजेंसी को अंतिम रूप देने हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए कम से कम दो बोलीदाताओं की जरूरत होती है। इस अनुसार विभाग द्वारा समय रहते परियोजना को आक्रामक रूप से आगे बढ़ाया जा रहा है। यदि सब कुछ सही रहा तो आने वाले कुछ महीनों में अनाज एटीएम चालू कर दिए जाएंगे। विभाग की योजना पहले उन प्रमुख शहरों में 10 अनाज एटीएम स्थापित करने की है, जहां उसके पास खाद्य भंडारण गोदाम और उच्च प्रवाह वाली पीडीएस दुकानें मौजूद हैं।
गुडगांव में हो चुकी है, अनाज एटीएम की टेस्टिंग
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता के आधार पर सरकार धीरे-धीरे राज्य के अन्य इलाकों में भी एटीएम स्थापित करेगी। पिछले वर्ष, गुड़गांव इस मॉडल को अपनाने वाला देश का पहला जनपद बन गया, जो संयुक्त राष्ट्र विश्व खाद्य कार्यक्रम द्वारा संचालित अन्नपूर्ति नामक एक स्वचालित खाद्य डिस्पेंसर परियोजना से प्रेरित बताया जा रहा है। एक स्वचालित खाद्य डिस्पेंसर मशीन की अवधारणा के बारे में बताते हुए, परियोजना का प्रारंभिक मसौदा तैयार करने वाले खाद्य आपूर्ति विभाग के एक अन्य अधिकारी ने कहा कि, गुड़गांव में स्थापित एटीएम में 8 से 10 मिनट में 70 से 80 किग्रा अनाज देने की क्षमता है।