- हीरे के बजाय पहन सकते हैं उपरत्न
- हीरे को नीलम और पन्ना के साथ पहना जा सकता हैं
- हीरे को शुक्लपक्ष के शुक्रवार को पहना जा सकता है
Zodiac Sign Gems: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हीरा यानी डायमंड शुक्र ग्रह का रत्न है। नवग्रहों में शुक्र भौतिक भोग-विलास, धन-संपत्ति, ऐश्वर्य, वाहन और वैवाहिक-सुख से संबंधित फल देने वाला ग्रह बताया गया है। जीवन में सभी सुख-सुविधाएं शुक्र ग्रह के बलवान होने पर ही प्राप्त होती हैं। वहीं, हीरा रत्न खूबसूरती और सौंदर्य का प्रतीक है। इसीलिए यह सबसे महंगे रत्नों में सबसे ऊपर आता है। हीरे को पहनने से व्यक्तित्व में निखार आता है, साथ ही व्यक्तित्व आकर्षण बढ़ जाता है। ऐसे में ये जानना जरूरी है कि रत्नों के बादशाह हीरे को किस राशि के लोगों को किस तरह पहनना चाहिए।
हीरा रत्न का महत्व
दांपत्य जीवन में किसी भी तरह की कमी होने पर हीरा रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। यह रत्न वैवाहिक सुख में शुभता लाता है। यह रत्न महिलाओं को भी प्रिय होता है। इसको कीमती पत्थरों का ‘बादशाह’ भी कहा जाता है। जिस व्यक्ति को यह रत्न सकारात्मक रूप से प्रभावित कर जाएं उस व्यक्ति का जीवन सुख-सुविधाओं से परिपूर्ण हो जाता है। हीरा रत्न को नीलम, पन्ना, गोमेद के साथ पहना जा सकता हैं। साथ ही हीरा रत्न को माणिक्य, मोती, मूंगा और पीले पुखराज के साथ नहीं पहनना चाहिए।
हीरे के समान होते हैं उपरत्न
बेहद महंगा रत्न होने के कारण यदि आप हीरा खरीदने में सक्षम नहीं है तो आप इसके स्थान पर जरकन, फिरोजा, ओपल जैसे उपरत्नों को भी धारण कर सकते हैं। यह सभी उपरत्न हीरे के समान ही फल प्रदान करते हैं। टूटा हुआ या दोषयुक्त हीरा धारण करने से बचना चाहिए। अन्यथा यह लाभ की जगह हानि का कारण बन सकता है।
किस राशि के लोगों को हीरा रत्न धारण करना चाहिए
- वृषभ और तुला लग्न की राशि वाले लोगों को हीरा रत्न जरूर पहनना चाहिए।
- जिन लोगों की कुंडली में शुक्र की महादशा चल रही हो उन लोगों को हीरा रत्न धारण करने से आश्चर्यजनक लाभ प्राप्त होते हैं।
- हीरा रत्न जितने अधिक वजन का पहना जाए वह उतना ही अधिक फलदायी होता है। कम से कम 9 कैरेट का हीरा पहनना चाहिए।
- जिस व्यक्ति की कुंडली में शुक्र शुभ भावों का स्वामी बनकर बैठा हो तो उस व्यक्ति का हीरा पहनना फलदायी होता है।
- शुक्र ग्रह के सभी शुभ फल प्राप्ति के लिए हीरा रत्न धारण करना चाहिए।
- जो लोग कला के क्षेत्र में, फिल्म उद्योग और व्यापार में सफलता हासिल करना चाहते हैं उन्हें हीरा धारण करना चाहिए।
- शिक्षा या विवाह में अगर रुकावट आती है तो आपके लिए हीरा धारण करना लाभकारी साबित हो सकता है।
- संबंधों को मधुरता प्रदान करने के लिए या फिर प्रेम-संबंधों को प्रगाढ़ करने के लिए हीरा उपयोगी साबित हो सकता है।
- हीरा धारण करने से मधुमेह और नेत्र रोगों से निजात मिल सकती है। साथ ही आयु में भी वृद्धि होती है।
- जिन लोगों को भूत-प्रेम और ऊपरी बाधा का डर लगा रहता हो उनको हीरा रत्न पहनना चाहिए।
- दांपत्य जीवन में समस्या उत्पन्न होने पर यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। यह रत्न वैवाहिक सुख में शुभता लाता है।
किस राशि के लोगों को हीरा रत्न धारण नहीं करना चाहिए
जिन लोगों की कुंडली में शुक्र ग्रह अपनी नीच राशि यानी वक्री, अस्त या पाप ग्रहों से पीड़ित हो साथ ही 6, 8, 12 वें भाव में स्थित हों तो उस व्यक्ति को हीरा रत्न नहीं पहनना चाहिए। साथ ही मेष और वृश्चिक लग्न के लोगों को हीरा बिल्कुल धारण नहीं करना चाहिए।
कैसे धारण करें हीरा रत्न
आपको विधिनुसार यह रत्न पहनना चाहिए। हीरा रत्न को शुक्लपक्ष के शुक्रवार को पीला सोना, सफेद सोना या चांदी आप पहन सकते है। प्रात:काल 7 से 11 बजे के बीच भगवान शिव का ध्यान करते हुए इसको पहनते समय 108 बार शुक्र मंत्र “शुक्र मंत्र- ऊं शुं शुक्राय नमः” का जाप कर इसको अभिमंत्रित कर लें। यह हीरा रत्न आपको अपनी कनिष्ठिका यानी सबसे छोटी अंगुली में धारण करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)