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Career in Polymer Science: जानें क्या है पॉलीमर साइंस? इसमें कैसे करें कोर्स और क्‍या है करियर की संभावनाएं

Updated Aug 21, 2022 | 18:53 IST | Times Now Digital

Career in Polymer Science: प्‍लास्टिक से जुड़े सभी प्रोडेक्‍ट का उत्‍पादन पॉलीमर इंडस्‍ट्री में होता है। यह कार्य पॉलीमर साइंस के प्रोफेशनल करते हैं। इस फील्‍ड में युवाओं के लिए जॉब की कोई कमी नहीं है। पॉलीमर साइंस में कोर्स करने के बाद युवा शानदार करियर बना सकते हैं।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
पॉलीमर साइंस में कोर्स और करियर ऑप्‍शन
मुख्य बातें
  • पॉलीमर प्रोफेशनल करते हैं पर्यावरण के अनुकूल प्‍लास्टिक का उत्‍पादन।
  • पॉलीमर साइंस में डिप्लोमा, बीएससी के साथ कर सकते हैं इंजीनियरिंग।
  • पालीमर साइंस में ग्रेजुएट छात्रों को करियर बनाने के मिलते हैं ढेरों मौके।

Career in Polymer Science: आज के समय में पर्यावरण के लिए सबसे बड़ी समस्‍या प्‍लास्टिक है। प्‍लास्टिक को नष्‍ट होने में सैंकड़ों साल लग जाते हैं, इसलिए पूरा विश्‍व ऐसे प्‍लास्टिक उत्‍पादों को विकसित करने में जुटा है, जो पर्यावरण के अनुकूल हो और जल्‍दी नष्‍ट हो जाए। यह कार्य करते हैं पॉलीमर साइंस के प्रोफेशनल। पॉलीमर साइंस को मैक्रोमोलेक्यूलर साइंस भी कहते हैं। पॉलीमर नेचुरल व सिंथेटिक दो तरह का होता है। इस फील्‍ड में करियर बनाने वाले प्रोफेशनल की जॉब शानदार होती है। अगर आप इस फील्ड में एंट्री करना चाहते हैं तो आपको इससे संबंधित डिप्लोमा, बैचलर, मास्टर्स कोर्स करना होगा।

पॉलीमर साइंस का दायरा

पॉलीमर साइंस का दायरा काफी बड़ा है। यह सिर्फ प्‍लास्टिक की थौलियों तक ही नहीं सिमटी। पॉलीमर से बनने वाले प्रोडक्ट्स की लिस्ट काफी लंबी है। इसमें कपड़े से लेकर टायर, पेंट, टीवी, सीडी, दरवाजे और कई तरह के चिपकाने वाले पदार्थ भी शामिल हैं। इसके अलावा ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब 75 प्रतिशत पार्ट्स इसी इंडस्ट्रीदेन है। वहीं पैकेजिंग इंडस्ट्री में भी बड़े पैमाने पर प्लास्टिक का इस्तेमाल होता है। इसलिए लगातार नए पॉलीमर और पेट्रोकेमिकल इंडस्ट्रीज खुल रहे हैं। नतीजतन, युवाओं के लिए करियर विकल्प कई गुना बढ़ गया है।

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पॉलीमर साइंस कोर्स के लिए योग्यता

पॉलीमर साइंस के अंडरग्रेजुएट कोर्स में एडमिशन के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री, मैथमेटिक्स के साथ 12वीं पास करना अनिर्वाय है। इसके बाद जेईई, आईपीसी जैसे एग्‍जाम को पास कर एनआईटी, आईआईटी जैसे संस्‍थानों में दाखिला ले सकते हैं। इस फील्ड में एंट्री करने के लिए फिजिक्स और केमिस्ट्री का अच्छा ज्ञान होना बहुत जरूरी है। इस फील्ड में छात्रों के लिए डिप्लोमा, बीएससी और एमएससी के साथ इंजीनियरिंग कोर्स भी उपलब्ध हैं।  इंजीनियरिंग कोर्स में बीई इन पॉलीमर साइंस, बीटेक इन प्लास्टिक एंड पॉलीमर, बीटेक इन प्लास्टिक एंड रबर जैसे कोर्स कर सकते हैं। वहीं पोस्ट ग्रेजुएट लेवल पर एमटेक के लिए प्लास्टिक-पॉलीमर कोर्स हैं। इसके अलावा बीएससी पॉलीमर साइंस, एमएससी पॉलीमर केमिस्ट्री भी प्रमुख कोर्स हैं।

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यहां मिलेगी शानदार नौकरी

पॉलीमर इंडस्ट्री में युवाओं के लिए अवसरों की कोई कमी नहीं है। पॉलीमर में कोर्स करने के बाद पेट्रोलियम इंडस्ट्री, केमिकल इंडस्ट्री और पॉलीमर से संबंधित प्रोडक्ट बनाने वाली विभिन्‍न कंपनियों में आसानी से जॉब मिल जाती है। वहीं पॉलीमर में इंजीनियरिंग के बाद छात्र सरकारी फर्मों जैसे नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, सेंट्रल ग्लास एंड सिरेमिक रिसर्च इंस्टीट्यूट, राउरकेला और सेंट्रल साल्ट एंड मरीन केमिकल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट में भी हाई पोस्‍ट पर जॉब हासिल कर सकते हैं। इसके अलावा देश के डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन और सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी में भी पॉलीमर इंजीनियरों की भर्ती होती है।