- इंटरनेशनल रिलेशन में मुख्य कार्य दूसरे देशों से देश के संबंध मजबूत बनाना
- मिलता है राजनयिक, खुफिया विशेषज्ञ व राजनीतिक विश्लेषक बनने का मौका
- बिजनेस एंड लॉ के क्षेत्र में जाकर देश में इनवेस्टमेंट बढ़ाने का भी मिलता है मौका
International Relations: सभी देश एक दूसरे के साथ आज जिस तरह से जुड़े हैं। उससे इंटरनेशनल रिलेशन काफी अहम हो गया है। पहले इंटरनेशनल रिलेशन अलग-अलग देशों के बीच राजनीतिक संबंधों तक ही सीमित था लेकिन अब इसमें राजनीति विज्ञान, अर्थशास्त्र, विदेश नीति, एंथ्रोपोलॉजी और समाजशास्त्र जैसे विषयों को भी शामिल किया जाने लगा है। जिसकी वजह से युवाओं को इंटरनेशनल रिलेशन में करियर बनाने के लिए राजनीतिक क्षेत्र से लेकर अंतरराष्ट्रीय व्यापार तक कई अवसर मिल रहे हैं। इस सेक्टर में सैलरी भी काफी शानदर मानी जाती है।
क्या है इंटरनेशनल रिलेशन
दरअसल, इंटरनेशनल रिलेशन एक तरह से देशों के बीच के संबंधों का अध्ययन है। साथ ही इसमें देशों के अंतर-सरकारी संगठनों, गैर सरकारी संगठनों, और बहुराष्ट्रीय कंपनियों की भूमिका भी शामिल है। इस क्षेत्र में करियर के माध्यम से किसी देश के विदेशी मामलों में योगदान दिया जा सकता है। साथ ही अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपने देश का प्रतिनिधित्व करते हुए समझौतों में शामिल हो सकते हैं। आसान शब्दों में कहों तो यह करियर उनके लिए है जो देश के विदेशी मसलों में अपनी सहभागिता चाहते हैं।
कोर्स के लिए जरूरी योग्यता
इंटरनेशनल रिलेशन में अपना करियर बनाने के लिए 12वीं कक्षा को राजनीति विज्ञान व मानविकी विषय के साथ पास करना होगा। हालांकि, जिन्होंने मानविकी का विकल्प नहीं चुना है, वे भी इंटरनेशनल रिलेशन का कोर्स कर सकते हैं। इस फील्ड में छात्रों के लिए कई तरह के कोर्स उपलब्ध हैं। छात्र ग्रेजुएशन के लिए इंटरनेशनल इकोनॉमी, नेशनल और इंटरनेशनल इतिहास, वैश्विक और तुलनात्मक राजनीति, यूरोपीय समाजों के समाजशास्त्र, पॉलटिक्स एंड इंटरनेशनल रिलेशन जैसे कोर्स का चुनाव कर सकते हैं। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन के लिए पॉलिटिकल साइंस में एमए, पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशन में एमए, इंटरनेशनल रिलेशन में एमए और इंटरनेशनल रिलेशन में एमए के ऑप्शन उपलब्ध है।
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पॉलिटिकल एंड गवर्नमेंट
कोर्स पूरा करने के बाद युवा राजनयिक, खुफिया विशेषज्ञ या राजनीतिक विश्लेषक के रूप में कार्य कर सकते हैं। राजनयिक का कार्य जहां दूसरे देशों के साथ अच्दे संबंध बनाना है, वहीं खुफिया विशेषज्ञ किसी खास मिशन के लिए दूसरे देशों से डेटा और जानकारी एकत्र करने का कार्य करते हैं। इसी तरह राजनीतिक विश्लेषक का कार्य नीतियों का विश्लेषण करना, रिसर्च के लिए राजनीतिक मुद्दों की पहचान करना व विदेशी सरकार की नीतियों पर अपनी सरकार को सही सलाह देना है। ये सभी सरकार के अधीन कार्य करते हैं।
बिजनेस एंड लॉ
इन कोर्स के बाद बिजनेस एंड लॉ में भी अच्छा करियर बनाया जा सकता है। इनके पास बिजनेस के क्षेत्र में एक लॉबिस्ट के तौर पर कार्य करने का मौका होता है। ये आम तौर पर दूसरे देश के सरकारी अधिकारियों के सामने अपने देश, संगठन या संस्थान का प्रतिनिधित्व करते हैं और देश में इनवेस्टमेंट को बढ़ावा देते हैं। वहीं इंटरनेशनल एडवोकेट दो देशों के बीच विवादों की मध्यस्थता के अलावा अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कानून, बैंकिंग व वित्त से निपटते हैं।