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Career in Solar Energy: तेजी से बढ़ रहा सोलर एनर्जी का सेक्‍टर, छात्र बना सकते हैं शानदार करियर

Updated Jul 20, 2022 | 21:07 IST

Career in Solar Energy: इंजीनियरिंग के क्षेत्र में तेजी से विकसित होने वाले क्षेत्रों में सोलर एनर्जी का क्षेत्र भी शामिल हो गया है। 12वीं के बाद संबंधित कोर्स कर युवा सोलर इंजीनियर के तौर पर शानदार करियर बना सकते हैं। इस सेक्‍टर का भविष्‍य काफी बेहतर माना जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
सोलर एनर्जी में कोर्स और करियर ऑप्‍शन
मुख्य बातें
  • साइंस व मैथ्‍य से 12वीं करने वाले छात्र कर सकते हैं कोर्स
  • सोलर एनर्जी बन रहा है भविष्‍य का शानदार करियर
  • सोलर इंजीनियर के लिए प्राइवेट व सरकारी सेक्‍टर में ऑप्‍शन

Career in Solar Energy: सोलर एनर्जी का क्षेत्र पिछले कुछ सालों से लगातार विकास कर रहा है। भविष्‍य में पारंपरिक ऊर्जा का सबसे बेहतर विकल्‍प सोलर एनर्जी को ही माना जा रहा है। यही कारण है कि इस फील्‍ड अब विकास के साथ एक बेहतर करियर ऑप्‍शन बनकर उभर रहा है। इस क्षेत्र में लगातार नई तकनीक व कंपनियां आ रही हैं। साथ ही सरकार भी इसे खूब बढ़ावा दे रही है, जिसके कारण यह फील्‍ड बेहद तेजी से ग्रोथ कर रहा है। ऐसे में आप इस सोलर एनर्जी में अपना शानदार करियर बना सकते हैं। यहां हम आपको इस फील्‍ड की पूरी जानकारी देंगे।  

जरूरी योग्यता व कोर्स:

सोलर एनर्जी सेक्‍टर से संबंधित कोर्स करने के लिए 12वीं में गणित, कैमिस्ट्री और फिजिक्स जैसे विषयों के साथ 60 फीसदी अंकों से पास होना अनिवार्य है। इसके बाद आप छात्र अपनी पसंद अनुसार मैकेनिकल या इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग कोर्स कर सकते हैं। वहीं जो छात्र सोलर इंजीनियर बनना चाहते हैं ते कैमिस्ट्री, सिविल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस विषयों में भी विशेषज्ञता हासिल कर सकते हैं। इसके आगे मास्‍टर के लिए एनर्जी पॉलिसी, रिन्यूएबल एनर्जी, सोलर एनर्जी एंड फोटोवॉल्टिक और जियोथर्मल एनर्जी कोर्स कर सकते हैं। छात्र यह ध्‍यान रखें कि आईआईटी और एनआईटी जैसे संस्‍थानों में प्रवेश के लिए जेईई की परीक्षा में बैठना होगा। इसके अलावा भी किस तरह के एंट्रेंस एग्जाम आयोजित होते हैं।

सोलर इंजीनियर का वर्क:

कोर्स पूरा करने के बाद युवा किसी भी कंपनी के साथ जुड़ कर सोलर इंजीनियर के पोसट पर कार्य कर सकते हैं। इनका कार्य क्लाइंट से उनकी सोलर एनर्जी की जरूरतों, बजट और उनके प्रोजेक्ट की सीमाओं के बारे में बातचीत करना है। इसके अलावा सोलर इंजीनिय एनर्जी प्लांट बनाने से पहले उन स्‍थानों का दौरा करते हैं। इसके अनुसार सौर किट, उनकी क्षमताओं और इंस्टॉलेशन के लिए यंत्रों का चयन किया जाता है। साइट की समीक्षा से बजट को ठीक तरीके से खर्च करने की प्लानिंग करने में मदद मिलती है।

डिजाइन का काम:

सोलर इंजीनियर पैनल डिजाइन करने का कार्य भी करता है। साथ ही एनर्जी को कन्वर्ट करने वाला इंजन भी यही बनाते हैं। इसमें सभी उपकरणों की प्रणालियों को टेस्ट किया जाता है। इनकी जिम्मेदारी ऐसे किट बनाने की होती है, जो न सिर्फ क्षमतावान हों, बल्कि दिखने में भी अच्छे हों।