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Career In Music Therapy: संगीत है पसंद तो म्यूजिक थेरेपिस्ट का बनाएं करियर, जानें कोर्स और जॉब डीटेल

Updated Sep 14, 2022 | 20:23 IST

Career In Music Therapy: म्यूजिक पसंद युवाओ के लिए म्‍यूजिक थेरेपी एक बेहतर करियर ऑप्‍शन बनकर उभरा है। अगर आपको भी म्‍यूजिक पसंद है तो 12वीं के बाद संबंधि कोर्स कर म्‍यूजिक डॉक्‍टर का लाइसेंस हासिल कर सकते हैं। यह बेहद तेजी से उभरता हुआ करियर ऑप्‍शन है। यहां म्‍यूजिक के जरिए बीमारियों का इलाज किया जाता है।

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तस्वीर साभार:&nbspRepresentative Image
म्‍यूजिक थेरेपी में युवा ऐसे बनाएं शानदार करियर ऑप्‍शन
मुख्य बातें
  • म्यूजिक थेरेपिस्ट करते हैं म्‍यूजिक के जरिए कई बीमारियों का इलाज
  • किसी भी स्‍ट्रीम से 12वीं के बाद छात्र कर सकते हैं म्‍यूजिक थेरेपी कोर्स
  • सरकारी व प्राइवेट अस्‍पतालों के साथ कई सरकारी हेल्‍थ संस्‍थाओं में मौके

Career In Music Therapy: आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी ने लोगों के शारीरिक के साथ मानसिक सेहत को भी बुरी तरह से प्रभावित किया है। इन समस्‍याओं से छुटकारा दिलाने के लिए लोग ऐसे इलाज के विकल्‍पों की तलाश में रहते हैं, जो बगैर किसी साइड इफेक्ट के उन्‍हें स्‍वस्‍थ्‍य बनाए रखने में मदद कर सके। इन विकल्‍पों में से एक फील्ड है म्‍यूजिक थेरेपी की। म्यूजिक थेरेपी में मरीजों के स्वास्थ्य के सुधार के लिए संगीत का प्रयोग किया जाता है। इसमें अलग-अलग तरह के साउंड वाइब्रेशंस की मदद से मरीज के शरीर में सकारात्मक बदलाव लाई जाती है।

म्‍यूजिक थेरेपी में म्यूजिक सुनने से लेकर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट बजाना, गाना, लिखना और सुनना भी शामिल है। यह अभी तेजी से उभरता हुआ करियर ऑप्‍शन है, लेकिन यहां पर स्कोप व जॉब की कोई कमी नहीं है।

जानें, म्यूजिक थेरेपी में कैसे होता है इलाज

म्यूजिक थेरेपी को शारीरिक अक्षमता, मानसिक रोग, अल्जाइमर, कैंसर और अन्य कई बीमारियों से उबरने में बेहद कारगर माना जाता है। म्यूजिक थेरेपी के दौरान डॉक्‍टर मरीज के दिमाग में ऐसी भावनात्मक क्रियाएं पैदा करते हैं। जिससे मरीज को आराम व सुकून मिल सके। म्‍यूजिक ब्रेन में एक खास तरह के सर्किट बनाता है जिससे म्‍यूजिक आनंद की अनुभूति होती है। यहां हर मरीज की जरूर व बीमारी के अनुसार म्यूजिक थेरेपी दी जाती है।

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आवश्यक योग्यता और कोर्स

युवा किसी भी स्‍ट्रीम में 12वीं पास करने के बाद म्यूजिक थेरेपी से संबंधि कोर्स कर सकते हैं। म्यूजिक थेरेपिस्ट बनने के लिए संगीत की अच्छी समझ और अलग-अलग वाद्ययंत्रों का ज्ञान जरूरी है। क्योंकि इसी के आधार पर इस कोर्स के दौरान तकनीकी स्किल डेवलप की जाती है। आजकल देश के कई संस्थानो में म्यूजिक थेरेपी कोर्स कराए जाते हैं। यहां पर सर्टिफिकेट इन म्यूजिक थेरेपी, एडवांस लेवल म्यूजिक थेरेपी कोर्स, पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन क्लीनिकल म्यूजिक थेरेपी, प्रोफेशनल पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन म्यूजिक थेरेपी जैसे कोर्स मौजूद हैं। सर्टिफिकेशन बोर्ड फॉर म्यूजिक थेरेपिस्ट की परीक्षा पास करने के बाद छात्रों को म्‍यूजिक डॉक्‍टर का लाइसेंस दिया जाता है। इस फील्ड में तरक्की के लिए छात्रों को संगीत के अलावा साइकोलॉजी, बायोलॉजी, फिजियोलॉजी, बिहेवियरल साइंस की जानकारी होना भी जरूरी है।

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म्यूजिक थेरेपी करियर स्कोप

म्यूजिक सिर्फ एंटरटेनमेंट का साधन भर नहीं है, यह इलाज का एक माध्‍यम भी है। यह बेहद तेजी से आगे बढ़ रहे कोर्सों में से एक है। म्‍यूजिक डॉक्‍टर का लाइसेंस हासिल करने के बाद प्रोफेशनल किसी भी साइकेट्रिक हॉस्पिटल, रिहैबिलिटेशन सेंटर्स, हेल्थ एजेंसी, प्राइवेट नर्सिंग होम व हेल्‍थ से जड़ी अन्‍य सरकारी संस्‍थाओं में जॉब हासिल कर सकते हैं। साथ ही खुद का क्लिनिक शुरू करना भी एक अच्छा स्कोप है।