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Govt Job:सरकारी नौकरियों को लेकर सरकार का बड़ा फैसला, कई राज्यों में नौकरी के लिए Interview की बाध्यता खत्म

Updated Oct 11, 2020 | 09:08 IST

government jobs news:केंद्र सरकार ने सरकारी नौकरी को लेकर एक अहम सूचना देते हुए बताया है कि सरकारी पदों पर भर्ती के लिए अब साक्षात्‍कार को खत्‍म कर दिया गया है। 

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23 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए साक्षात्कार समाप्त कर दिया गया है

नयी दिल्ली: सरकारी नौकरी के इच्‍छुक लोगों के लिए यह बड़ी खबर है जो उनकी बड़ी राहत देगी, केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि अब तक 23 राज्यों और आठ केंद्र शासित प्रदेशों में सरकारी नौकरियों (govt jb) में भर्ती के लिए साक्षात्कार ( interview) समाप्त कर दिया गया है।कार्मिक मंत्रालय के एक बयान के अनुसार सिंह ने कहा कि 2016 के बाद से केंद्र सरकार में ग्रुप-बी (गैर-राजपत्रित) और ग्रुप-सी के पदों के लिए साक्षात्कार को समाप्त कर दिया गया है।

मंत्री ने कहा कि 2015 में स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साक्षात्कार को समाप्त करने का सुझाव दिया था और लिखित परीक्षा के आधार पर नौकरी में चयन की बात कही थी।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की सलाह पर कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने एक व्यापक कवायद की और तीन महीने के भीतर एक जनवरी, 2016 से केंद्र सरकार में भर्ती के लिए साक्षात्कार को समाप्त करने की घोषणा करने की प्रक्रिया पूरी कर ली।

उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और गुजरात जैसे कुछ राज्य इस नियम को लागू करने के लिए तत्पर थे लेकिन कुछ राज्य इसे समाप्त करने के अनिच्छुक थे और नौकरियों के लिए साक्षात्कार कराना चाहते थे। सिंह ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि राज्य सरकारों को काफी समझाने और बार-बार याद दिलाने के बाद आज जम्मू-कश्मीर और लद्दाख सहित भारत के सभी आठ केंद्र शासित प्रदेशों और देश के 28 राज्यों में से 23 में साक्षात्कार कराना बंद है।

इस कदम से चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी

माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से चयन प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता आएगी क्योंकि सरकारी नौकरी में जॉब के लिए इंटरव्यू में अनैतिक माध्यमों से पैसों की डिमांड आदि की जाती रही है।

साथ ही कैंडिडेट के इंटरव्यू अरेंज कराना भी खासा खर्चीला साबित होता था क्योंकि किसी भी सरकारी नौकरी के लिए आवेदन देने वालों की तादात बेहद ज्यादा होती है ऐसे में सरकार को इस सारी  व्यवस्था पर काफी पैसा खर्च करना पड़ता था।