सैन फ्रांसिस्को: अमेरिका में भारतीय मूल के चिकित्सकों की एक टीम ने पाया है कि एक दवा जिसका व्यापक रूप से दशकों से वैश्विक तौर पर ब्लैडर की एक स्थिति के लिए दिया जाता है, अब यह रेटिना के लिए विषाक्त बन रही है। बीते साल की एक प्रारंभिक रिपोर्ट के बाद कि एलमिरोन (पेंटोसन पॉलीसल्फेट सोडियम) रेटिना के नुकसान से जुड़ी हो सकती है, तीन नेत्र रोग विशेषज्ञों ने उत्तरी कैलिफोर्निया के कैसर परमानेंटे में मरीजों की समीक्षा की।
उन्होंने पाया कि एक-चौथाई मरीजों में एलमिरोन के एक्सपोजर से आंखों के नुकसान के निश्चित लक्षण दिखाई दिए। यह दवा विषाक्तता अन्य ज्ञात रेटिना की स्थितियों जैसे उम्र से जुड़ी मैस्कुल डिजनेरेशन या पैटर्न डिस्ट्रोफी के रूप में सामने आ सकती है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है। आप के पास इंटरस्टिसियल सिस्टिस जैसी स्थिति वाला पुराना मरीज है तो उसके लिए कोई प्रभावी इलाज नहीं है।
कैसर परमानेंटे के रॉबिन ए.वोरा ने कहा, 'वे इस दिशा में उपचार के लिए कुछ साइड इफेक्ट व कुछ खतरों को सोचकर आगे बढ़ जाते हैं और कोई इसके बारे में फिर नहीं सोचता। साल दर साल उनके गोलियों की संख्या बढ़ती जाती है।' इंटरस्टिसियल सिस्टिस से ब्लैडर व श्रोणि भाग में स्थायी दर्द रहता है।