- इसरो के मंगलयान में लगे मार्स कलर कैमरा ने मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा की तस्वीर ली है
- इसरो का कहना है कि इसमें अतीत में फोबोस से आकाशीय पिंडों के टकराने से बने विशाल गड्ढे दिख रहे हैं
- भारत ने 24 सितंबर 2014 को मार्स ऑर्बिटर मिशन को मंगल की कक्षा में स्थापित किया था
बेंगलुरु : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के मंगलयान (मार्स ऑर्बिटर मिशन) में लगे 'मार्स कलर कैमरा' (एमसीसी) ने मंगल के सबसे बड़े चंद्रमा 'फोबोस' की तस्वीर ली है। यह तस्वीर एक जुलाई को ली गई , जब मंगलयान मंगल से करीब 7,200 किमी और फोबोस से करीब 4,200 किमी दूर था। इसरो ने तस्वीर के साथ एक अपडेट में कहा, '6 एमसीसी फ्रेम से ली गई यह एक समग्र तस्वीर है और यह स्पष्ट है।'
इसरो के मुताबिक इस तस्वीर में अतीत में फोबोस से आकाशीय पिंडों के टकराने से बने विशाल गड्ढे भी(क्रेटर) दिख रहे हैं। ये हैं स्लोवास्की, रोश और ग्रिलड्रिग। इसरो के इस मिशन का उद्देश्य शुरू में छह महीने के लिये ही था लेकिन बाद में उसने कहा कि इसके कई वर्षों तक सेवा देने के लिए इसमें पर्याप्त मात्रा में ईंधन है।
मंगल की सतह का अध्ययन है मकसद
भारत ने 24 सितंबर 2014 को मार्स ऑर्बिटर मिशन (एमओएम) को सफलतापूर्वक अंतरिक्ष में लाल ग्रह (मंगल) की कक्षा में स्थापित कर दिया था। यह उपलब्धि प्रथम प्रयास में ही हासिल कर ली गई और इस तरह देश वहां पहुंचने वाले एक एलिट समूह में शामिल हो गया। इसरो ने पांच नवंबर 2013 को आंध्र प्रदेश के श्री हरिकोटा से पीएसएलवी रॉकेट के जरिये इसका प्रक्षेपण किया था।
इस मिशन में आई लागत 450 करोड़ रुपये है। मिशन का उद्देश्य मंगल की सतह और वहां खनिजों की संरचना का अध्ययन करना है। इसका उद्देश्य वहां के वायुमंडल में मिथेन की पड़ताल करना भी है। मिथेन मंगल पर जीवन का संकेतक है।