नई दिल्लीः कोरोना वायरस (Coronavirus) ने पूरी दुनिया में जो कहर मचाया है, उसका अंत कब होगा ये किसी को नहीं पता। अब तक दुनिया में लाखों लोगों की जान ले चुके इस नए वायरस ने सबसे ज्यादा कहर अमेरिका में मचाया है जहां मृतकों की संख्या सबसे तेजी से बढ़ी है। इसी बीच दुनिया के हजारों वैज्ञानिक व कंपनियां कोविड-19 वैक्सीन की खोज में जुटी हैं। जबकि कुछ दवाईयों को भी आए दिन हरी झंडी मिल रही है जो इसके इलाज में कारगर साबित हो रही हैं। अब वैक्सीन की खोज में एक जानवर से जुड़ा ऐसा खुलासा हुआ है जिसने सबको दंग कर दिया है।
क्या है 'लामा'
दक्षिण अमेरिकी देशों में 'लामा' पाया जाता है। ये ऊंट की प्रजाति का एक जानवर होता है जो ऊंट जैसा लंबा तो नहीं होता लेकिन उसका शरीर कुछ-कुछ वैसा ही होता है। आमतौर पर ये सफेद और भूरे रंग में पाए जाते हैं। बताया जाता है कि ये जानवर पहले उत्तरी अमेरिका में होते थे लेकिन हिमयुग खत्म होने के बाद ये दक्षिण अमेरिका में पाए जाने लगे। दक्षिण अमेरिका में आज इन जानवरों को पाला भी जाता है और इनका मीट भी खाया जाता है। इनकी संख्या पहले के मुकाबले अब काफी कम है। ये बेहद शांत स्वभाव वाला जानवर होता है।
लामा में वायरस का तोड़
दुनिया के कई वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि लामा के शरीर अंदर जो 'एंटीबॉडी' मौजूद हैं वो तमाम वायरस से लड़ने की क्षमता रखते हैं और इससे कोरोना वायरस का तोड़ भी मुमकिन है। बेल्जियम के फ्लेमिश इंस्टीट्यूट ऑफ बायोटेक्नॉलजी के प्रोफेसर ने एक रिपोर्ट में बताया है कि लामा के अंदर मौजूद एंटीबॉडी से कोरोना की वैक्सीन या उसके इलाज की ओर कदम बढ़ाया जा सकता है।
शुरू हुआ प्रयोग, निकले दिलचस्प नतीजे
बेल्जियम में मौजूद कुछ लामा में से एक मादा लामा, जिसका नाम विंटर है, उस पर कोरोना वायरस का प्रयोग करके देखा जा रहा है। इस लामा के अंदर कोरोना की ऊपरी सतह पर मौजूद प्रोटीन इंजेक्ट करके देखा गया जो चीन में शुरुआती दिनों में मिला था। अब दिलचस्प नतीजा ये है कि वायरस के कण लामा के अंदर पहुंचते ही उसके एंटीबॉडीज ने रिएक्ट करना शुरू कर दिया है। जांच में पाया गया है कि फिलहाल वैक्सीन बनने में तो समय लगेगा लेकिन इतना जरूर है कि लामा के अंदर मौजूद एंटीबॉडी और उसकी प्रतिरोधक क्षमता कोरोना से लड़ने में सक्षम पाई गई है। अब साल के अंत में लामा के एंटीबॉडी का प्रयोग इंसान के अंदर करने की रणनीति पर काम हो रहा है।
पहले भी काम आ चुका है लामा
आपको बता दें कि लामा के शरीर के अंदर मौजूद एंटीबॉडी पहले भी काम आ चुके हैं। कई वायरस के खिलाफ इसका इम्यून सिस्टम लड़ने में सक्षम है। यही नहीं, बेल्जियम की प्रयोगशाला के मुताबिक बाजार में एक दवाई भी मौजूद है जो लामा के जरिए तैयार की गई थी और अब ये दवाई एक ब्लड डिसॉर्डर से लड़ने में काम आ रही है। यानी इतना तय है कि वैक्सीन बनने में भले ही समय लगे लेकिन तब तक लामा की एंटीबॉडी कोरोना वायरस से ट्रीटमेंट में जरूर काम आ सकती है। इसको लेकर शोध जारी है।