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- चंद्रयान 2 मिशन के तहत चांद की सतह पर उतरने वाला था विक्रम लैंडर
- लैडिंग की प्रक्रिया के दौरान इसरो के केंद्र से टूट गया था लैंडर का संपर्क
- चांद की सतह पर NASA के ISRO का विक्रम लैंडर खोजने की कोशिश हुई नाकाम
नई दिल्ली: अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा एक बार फिर चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर को चंद्रमा की सतह पर ढूढ़ पाने में विफल रहा है। महीने की शुरुआत में विक्रम के उतरने के स्थान का नासा के अंतरिक्ष यान द्वारा उतारे गए चित्रों में लैंडर नहीं दिखाई दिया है।
नासा के एक वैज्ञानिक ने कहा कि अंतरिक्षयान विक्रम पता नहीं लगा पाया है, जिसके दो कारण हैं। पहला यह कि विक्रम उस स्थान से बाहर है, जिसके चित्र अमेरिकी एजेंसी ने लिए हैं। दूसरा यह कि लैंडर चंद्रमा के उस हिस्से में हैं, जहां छाया है।
भारत के भारी रॉकेट, जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लांच व्हिकल-मार्क 3 ने 22 जुलाई को 978 करोड़ रुपये लागत का एक टेक्स्ट बुक स्टाइल का चंद्रयान-2 अंतरिक्ष में लांच किया था।
चंद्रयान-2 अंतरिक्षयान में तीन हिस्से थे -ऑर्बिटर (2,379 किलोग्राम, आठ पेलोड), विक्रम (1,471 किलोग्रमा, चार पेलोड), और प्रज्ञान (27 किलोग्राम, दो पेलोड)।