- इसरो ने 22 जुलाई, 2019 को चंद्रयान-2 लॉन्च किया था
- चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का 7 सितंबर को संपर्क टूट गया था
- लैंडर विक्रम की सॉफ्ट लैंडिंग होनी थी, पर इसकी हार्ड लैंडिंग हुई
नई दिल्ली : अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा को चांद की सतह पर चंद्रयान-2 के लैंडर विक्रम का मलबा मिला है। नासा का कहना है कि यह मलबा चांद की कक्षा का चक्कर लगा रहे उपग्रह को मिला है। नासा ने इसकी कुछ तस्वीरें भी ट्विटर पर शेयर की हैं। ये तस्वीरें नासा के उपग्रह लुनार रेकॉनेशां ऑर्बिटर ने खींची हैं, जिसमें चांद की सतह और उस जगह को दर्शाया गया है, जहां विक्रम का मलबा बरामद किया गया है।
यहां उल्लेखनीय है कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान एजेंसी (इसरो) ने इसी साल 22 जुलाई को चंद्रयान-2 को लॉन्च किया था, जिसके बाद 7 सितंबर को लैंडर विक्रम की चांद की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराई जानी थी, लेकिन इसकी हार्ड लैंडिंग हुई, जिसके कारण जमीनी स्टेशन से इसका संपर्क टूट गया। अब नासा ने अपने बयान में कहा है कि लैंडर विक्रम का मलबा सबसे पहले मुख्य क्रैश स्थल से लगभग 750 मीटर दूर देखा गया।
नासा ने पहले और बाद की तस्वीरें भी पोस्ट की हैं, जो सतह और जिस स्थान पर यह गिरा, उसमें आए बदलाव को दर्शाता है। इसरो ने लॉन्च के कुछ समय बाद ही लैंडर विक्रम से संपर्क टूटने की तस्दीक कर दी थी। हालांकि इसका आर्बिटर अब भी ठीक ढंग से काम कर रहा है और चंद्रमा के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएं भेज रहा है। उम्मीद की जा रही है कि यह अगले 7 साल तक काम करता रहेगा।