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क्‍या सितंबर में आ जाएगी कोरोना से बचाव की वैक्‍सीन? कोरोना से जंग के बीच आई एक उम्मीद

Updated Apr 11, 2020 | 21:55 IST

कोरोना वायरस के बचाव को लेकर शोधकर्ताओं की कई टीम काम रही है। एक ब्रिटिश वैज्ञानिक का कहना है कि इससे बचाव को लेकर वैक्‍सीन सितंबर तक आ जाने की उम्‍मीद है।

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क्‍या सितंबर में आ जाएगी कोरोना से बचाव की वैक्‍सीन? कोरोना से जंग के बीच आई एक उम्मीद (प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर/ साभार: pixabay.com)

नई दिल्‍ली : ऐसे में जबकि पूरी दुनिया कोरोना वायरस संक्रमण की तबाही को झेल रही है, एक बिटिश वैज्ञानिक ने यह कहकर उम्‍मीद की किरण जगाई है कि सितंबर तक इस वायरस से बचाव के लिए वैक्‍सीन तैयार कर ली जाएगी। ऑक्‍सफोर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर सारा गिलटबर्ट कहना है कि उन्‍हें इसकी 80 प्रतिशत तक उम्‍मीद है कि वैक्‍सीन सितंबर तक आ जाएगी। उनकी यह बात कोरोना से जंग लड़ रही पूरी दुनिया में उम्‍मीद कायम करने वाली है, जिसका अब तक कोई उपचार उपलब्‍ध नहीं है।

'सितंबर तक आ सकती है वैक्‍सीन'
'डेली मेल' की रिपोर्ट के अनुसार, प्रो. गिलबर्ट ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए वैक्‍सीन की तलाश सितंबर तक खत्‍म हो जाने की उम्‍मीद है। वह कोरोना वैक्‍सीन को लेकर फिलहाल ब्रिटेन के सबसे एडवांस रिसर्च की अगुवाई कर रही हैं। उनका कहना है कि उनकी टीम ने अब तक जो प्रगति हासिल की है, उसके आधार पर उन्‍हें यकीन हो चला है कि अगर सबकुछ ठीक रहता है तो वैक्‍सीन इसी साल सितंबर तक आ सकती है।

कई टीम कर रही है काम
इससे पहले ऐसा कहा गया था कि ब्रिटेन में शोध कर रही टीम साल के आखिर तक कोरोना से बचाव का टीका बना सकती है। लेकिन अब खुद टीम की अगुवाई कर रहीं प्रो. ने इसकी पुष्टि की कि वैक्‍सीन बनाने को लेकर काम तेजी से आगे बढ़ रहा है और उन्हें उम्‍मीद है कि इसका ह्यूमन ट्रायल अगले सप्‍ताह शुरू हो सकता है। इससे पहले की रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि पूरी तरह काम करने वाले वैक्‍सीन को तैयार करने में 18 माह का समय लग सकता है, लेकिन अब गिलबर्ट ने भरोसा जताया है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो यह सितंबर में ही तैयार हो जाएगा।

कई जगह ह्यूमैन ट्रायल शुरू
यहां उल्‍लेखनीय है कि दुनियाभर में शोधकर्ताओं की कई टीम कोरोना वायरस संक्रमण के प्रभावी उपचार से लेकर इसकी वैक्‍सीन तक तैयार करने में जुटी हुई है। कई टीम ने ह्यूमैन ट्रायल शुरू भी कर दिया है। ह्यूमैन ट्रायल्‍स अधिकांशत: उन देशों और इलाकों में किए जा रहे हैं, जहां कोरोना वायरस के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं, ताकि इसे जल्‍द से जल्‍द समझा जा सके कि इनके परिणाम क्‍या होते हैं। कोरोना वायरस से दुनियाभर में 1.04 लाख लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 17.2 लाख से ज्‍यादा लोग संक्रमित हैं।