- व्यक्ति को कभी अपना धन मांगने में शर्म नहीं करना चाहिए
- जो भोजन करने में शर्म करते हैं वो जीवन भर भूखे रहते हैं
- गुरु से शिक्षा लेने में शर्म करने वाला बन रह जाता है अज्ञानी
Chanakya Niti in Hindi: नीति शास्त्र में आचार्य चाणक्य ने जीवन को सुखी बनाए रखने के लिए कई उपाय और नीतियां बताई हैं। नीति शास्त्र के मंत्रों में कई रहस्य छिपे हुए हैं, जो जीवन के सुख और दुख की जानकारी देने के साथ जीने की राह दिखाते हैं। इनके मंत्रों को अबर कोई व्यक्ति अपना ले तो वह सभी बाधाओं को पार कर सफलता हासिल कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने नीतिशास्त्र में कुछ ऐसे कार्य भी बताए हैं, जिसे करते हुए व्यक्ति को कभी शर्म नहीं करना चाहिए। जो लोग इन कामों में शर्म करते हैं, उन्हें भविष्य में नुकसान हो सकता है।
धन संबंधी कार्य में न करें शर्म
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि व्यक्ति को भी धन के लेनदेन में शर्म नहीं करनी चाहिए। जो भी व्यक्ति धन से जुड़े कार्यों को करने में शर्म करता है, उसे कभी सफलता नहीं मिल पाती। आचार्य कहते हैं कि कुछ ऐसे लोग भी होते हैं जो अपने पैसे को उधार तो दे देते हैं, लेकिन शर्म के कारण उसे मांग नहीं पाते। जिससे उन्हें धन हानि का सामना करना पड़ता है। इसलिए लोगों को कभी भी इस कार्य में शर्म नहीं करना चाहिए।
भोजन करने में न करें शर्म
चाणक्य नीति के अनुसार जो लोग भोजन करने में शर्म करता है, वे भूखे ही रह जाते हैं। इसलिए खाना खाने में कभी शर्म नहीं करना चाहिए। चाणक्य कहते हैं कि कुछ ऐसे लोग होते हैं जो अपने रिश्तेदारों या मित्रों के यहां भोजन करने में शर्म करते हैं और पेटभर भोजन नहीं कर पाते। ऐसे लोग जीवन भर अपने आप को यातना देते हैं।
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ज्ञान लेने में कभी न करें शर्म
आचार्य चाणक्य का मानना है कि वो सभी अच्छे विद्यार्थी हैं जो बगैर किसी शर्म के अपने गुरु से सभी प्रश्न का जवाब जानना चाहते हैं। वहीं जो व्यक्ति या छात्र अपने गुरु से शिक्षा प्राप्त करने में किसी तरह का शर्म करता है, वह जीवन भर अज्ञानी ही रह जाता है। इसलिए व्यक्ति को जीवनभर कभी भी शिक्षा हासिल करते समय शर्म नहीं करना चाहिए।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)