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Chanakya Niti: जीवन में इन चार में से एक लक्ष्‍य पाना जरूरी, नहीं तो मृतक के समान होगा जीवन

Updated Apr 24, 2022 | 09:51 IST

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य ने जीवन को सफल बनाने के कई उपाय बताए हैं। साथ ही उन्‍होंने अपने नीति शास्‍त्र में जीवन जीने का सलीका भी बताया है। आचार्य के अनुसार, इस धरती पर मनुष्‍य के रूप में किसी व्‍यक्ति का जन्‍म किसी कारण से हाता है। उसके जीवन में कुछ लक्ष्‍य होते हैं, उस लक्ष्‍य को प्राप्‍त न करने वाला व्‍यक्ति मृतक के समान होता है।

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जीवन के लिए चाणक्य नीति
मुख्य बातें
  • जीवन का लक्ष्‍य हासिल करना जरूरी
  • बिना लक्ष्‍य का जीवन मृतक के समान
  • मोक्ष होता है जीवन का अंतिम पड़ाव

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में जीवन के कई गहरे रहस्‍य उजागर किए हैं। नीति शास्‍त्र में एक साधारण व्‍यक्ति से सफल बनने के बहुत सारे उपाय बताए गए हैं। चाणक्य के अनुसार, इंसान के रूप में किसी भी व्‍यक्ति का जन्‍म इस धरती पर किसी न किसी कारण से हुआ है। इसलिए व्यक्ति को अपने जीवन में कुछ ऐसे काम भी करने चाहिए, ताकि उसे लोग बाद में भी भूल न पाएं। आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्‍त्र में एक श्लोक के माध्‍यम से बताया है कि सभी मनुष्‍य को अपने जीवन में चार चीजों में से एक चीज का पाना जरूरी होता है। इनमें से एक भी प्राप्त न होने पर व्यक्ति को मृत समान मान लिया जाता है।

श्लोक

धर्मार्थकाममोश्रेषु यस्यैकोऽपि न विद्यते।

जन्म जन्मानि मर्त्येषु मरणं तस्य केवलम्॥

चाणक्‍य नीतिशास्‍त्र में दिए गए इस श्लोक का अर्थ है कि, मनुष्‍य के रूप में जन्‍म लेने के बाद जिस व्यक्ति को धर्म, काम, भोग और मोक्ष में से कोई एक वस्तु भी नहीं मिल पाती है, उसका जन्म केवल मरने के लिए होता है। चाणक्य कहते हैं कि ऐसे लोगों के जीवन का कोई उद्देश्य नहीं होता है। ऐसे लोग जीवन की सार्थकता हासिल नहीं कर पाते हैं।

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धर्म

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, मनुष्‍य को अपने धर्म का पालन जरूर करना चाहिए। क्योंकि यह व्यक्ति को जीवन के सही रास्ते पर लेकर जाता है। इससे उसके कर्म भी अच्छे रहते हैं।

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काम

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि जिसने भी मनुष्‍य के रूप में जन्म लिया है, उसे जीवन में कुछ न कुछ काम अवश्य करना चाहिए। बिना कुछ किए जीवन बिताने वाले लोग परिवार व समाज पर बोझ होते हैं, ऐसे लोग अपने कुल का नाश कर देते हैं।

धन

आचार्य चाणक्य के अनुसार, किसी भी व्‍यक्ति के पास एक सुखी जीवन बिताने के लिए धन का होना जरूरी है। धन पाने के लिए व्यक्ति को लक्ष्य तय करना जरूरी होता है। जिस व्यक्ति के पास लक्ष्य नहीं होता है, वह धन संचय नहीं कर पाता है।

मोक्ष

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि इंसान के जीवन का यह अंतिम पड़ाव होता है। व्यक्ति अपने लक्ष्य, काम और कर्म से मोक्ष की प्राप्ति करता है। सिर्फ अच्छे कर्म करने वालों को ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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