- आलस है युवाओं की सबसे बड़ी दुश्मन
- नशे की आदत युवाओं के लिए है अभिशाप
- गलत संगत कर देती है पूरा जीवन बर्बाद
Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य नीति में मानव जीवन के सुख-दुख के बारे में विस्तार से बताया गया है। इसमें महिला, पुरुष, युवा, परिवार, शत्रु, मित्र सभी के बारे में कुछ न कुछ बताया गया है। आचार्य चाणक्य युवाओं को सजग करते हुए कहते हैं कि, युवावस्था जीवन का सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव होता है। यह वो समय होता है जब मनुष्य के पास ताकत, सामर्थ्य, हिम्मत और जुनून सब कुछ होता है। इसलिए युवावस्था के महत्व को समझ कर लोगों को अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए पूरा प्रयास करना चाहिए। इस अवस्था में की गई एक गलती पूरे जीवन को बर्बाद कर सकता है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में तीन चीजों को युवाओं का सबसे बड़ा दुश्मन बताते हुए उससे दूर रहने की सलाह दी है।
आलस बनता है बर्बादी का कारण
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि युवावस्था में बर्बादी का सबसे बड़ा कारण आलस बनता है। यह न सिर्फ कीमती समय को बर्बाद करता है, बल्कि पूरे जीवन को खत्म करने की क्षमता रखता है। युवाओं के जीवन में आलस का कोई स्थान नहीं होता। युवाओं को अपना जीवन हमेशा अनुशासन के साथ जीना चाहिए। ताकि आलस से दूर रह सकें।
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नशा है युवाओं के लिए अभिशाप
चाणक्य नीति का मानना है कि युवाओं के लिए नशा अभिशाप होता है। जिन युवाओं को नशे की लत लग जाती है, वे अपने जीवन में सिर्फ दु:ख-दर्द ही झेलते हैं। नशे के कारण आर्थिक नुकसान होने के साथ शारीरिक व मानसिक नुकसान भी होता है। नश किसी भी व्यक्ति को बर्बाद कर सकता है। नशे के आदी युवा अपने वर्तमान के साथ अपना भविष्य भी खराब कर लेता हैं।
गलत संगत से रहे हमेशा दूर
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि युवाओं पर सबसे ज्यादा प्रभाव उनकी संगत का पड़ता है। यदि व्यक्ति गलत लोगों से दोस्ती कर उनके साथ उठता और बैठता है तो उसमें में भी गलत आदतें आ जाती हैं। इसलिए युवाओं को किसी से दोस्ती करते समय इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। गलत लोग लक्ष्य से भटकाने के साथ जीवन को अंधकार की ओर ले जाते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)