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Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi, Muhurat: अनंत चतुर्दशी कल, जानें पूजा विधि और विष्णु पूजन के लिए मुहूर्त 

Updated Sep 08, 2022 | 17:55 IST

Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Time, Mantra in Hindi: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर अनंत चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विधि अनुसार भगवान गणेश की पूजा के बाद उनका विसर्जन किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। यहां देखें विष्णु पूजन के लिए विधि और शुभ मुहूर्त। 

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Anant Chaturdashi 2022 (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • कल रखा जाएगा अनंत चतुर्दशी का व्रत।
  • विधि विधान से कल‌ होगा गणेश जी का विसर्जन।
  • अनंत चौदस के नाम से भी जानी जाती है यह तिथि।

Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Mantra: भारत में कल यानी 9 सितंबर को अनंत चतुर्दशी का पर्व धूमधाम से मनाया जाएगा। हर वर्ष भादो माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि पर यह पर्व मनाया जाता है। अनंत चतुर्दशी को भारत के कई जगहों पर अनंत चौदस के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान गणेश के भक्त व्रत रखते हैं तथा विधि अनुसार उनकी पूजा करते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की भी पूजा की जाती है। अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा करने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि जो भक्त अनंत चतुर्दशी पर व्रत रखता है तथा भगवान विष्णु की पूजा करता है उसे शारीरिक व मानसिक परेशानियों के साथ आर्थिक तंगी से भी मुक्ति मिलती है। यहां जाने अनंत चतुर्दशी पर पूजा करने के लिए विधि और शुभ मुहूर्त

Anant Chaturdashi 2022 Date, Puja Vidhi, Muhurat

अनंत चतुर्दशी पर पूजा के लिए मुहूर्त (Anant Chaturdashi 2022 Puja Timings)

हिंदू पंचांग के अनुसार, 8 सितंबर से चतुर्दशी तिथि प्रारंभ हो रही है। यह आज रात 9:02 से प्रारंभ होगी और कल यानी 9 सितंबर को शाम 6:07 पर समाप्त हो जाएगी। अनंत चतुर्दशी पर पूजा के लिए शुभ मुहूर्त सुबह 6:03 से शाम के 6:07 तक रहने वाला है। यानी भक्तों को पूजा के लिए तकरीबन 12 घंटे मिल रहे हैं। मान्यताओं के अनुसार, अनंत चतुर्दशी पर पूजा करने से काल सर्प दोष दूर होता है। इसके साथ जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से मुक्ति मिलती है।

Anant Chaturdashi 2022 Date, Muhurat

अनंत चतुर्दशी पर कैसे करें पूजा? (Anant Chaturdashi 2022 Puja Vidhi) 

अनंत चतुर्दशी पर भगवान विष्णु के अनंत रूपों की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन भगवान विष्णु के भक्तों को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठने के बाद नित्य क्रियाओं से निवृत्त हो जाना चाहिए। स्नान करने के बाद इस दिन भक्त स्वच्छ वस्त्र धारण करें। पूजा घर की सफाई करने के बाद भगवान विष्णु के सामने व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर में कलश स्थापना करें फिर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा या मूर्ति की स्थापना करें। अब एक डोरी के ऊपर केसर, कुमकुम और हल्दी लगाएं फिर इसमें 14 गांठें लगाने के बाद भगवान विष्णु जी की पूजा करें। 

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