- वास्तु शास्त्र के अनुसार विवाह के लिए बृहस्पति और शुक्र ग्रह जिम्मेदार हैं
- अगर यह दोनों ग्रह प्रबल हैं तो शादी में किसी भी तरह की अड़चनें नहीं आ सकती हैं
- इसके अलावा शनि, मंगल और सूर्य के कारण भी शादी में कोई न कोई रुकावट आती रहती है
Astrology Remedies for Early Marriage: मां-बाप को सबसे ज्यादा टेंशन अपने बच्चों की शादी की होती है। ऐसे में शादी में अड़चनें आना या किसी कारण वश शादी देर से होना माता-पिता के लिए सबसे बड़ी परेशानी का कारण होता है। इन सबकी वजह होती है कभी मांगलिक होना तो कभी अच्छे लड़के या लड़की की तलाश पूरी ना होना। वास्तु शास्त्र के अनुसार विवाह के लिए बृहस्पति और शुक्र ग्रह जिम्मेदार हैं। अगर यह दोनों ग्रह प्रबल हैं तो शादी में किसी भी तरह की अड़चनें नहीं आ सकती हैं। इसके अलावा शनि, मंगल और सूर्य के कारण भी शादी में कोई न कोई रुकावट आती रहती है। शादी में आ रही अड़चनों व समस्याओं को ऐसे ज्योतिष उपायों को अपनाकर खत्म किया जा सकता है।
इस दिशा में सोए
ज्योतिष के मुताबिक जिनका विवाह योग नहीं बन रहा है उन्हें अपनी सोने की दिशा पर विशेष ध्यान देना चाहिए। ऐसे में लड़कों को दक्षिण और दक्षिण पश्चिम दिशा में नहीं सोना चाहिए, वहीं लड़कियों को उत्तर पश्चिम दिशा में सोना चाहिए। सोने की दिशा भी विवाह योग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके साथ भी यह ध्यान देना जरूरी है कि सोते समय आपके पैर उत्तर और सिर दक्षिण दिशा में नहीं होना चाहिए। इसके साथ ही हो सके तो सोते समय गुलाबी चादर या गुलाबी कपड़े पहन कर सोना चाहिए।
बरगद के पेड़ की करें परिक्रमा
इसके अलावा अगर लड़का या लड़की के विवाह में बाधा आ रही है तो इसके लिए वे प्रत्येक गुरुवार और पूर्णिमा के दिन बरगद के पेड़ की कम से कम 108 बार परिक्रमा जरूर करें। इसके साथ अगर संभव हो सके तो बरगदस पीपल और केले के पेड़ को जल देकर रोजाना रोजाना पूरा जरूर करें।
नहाने के पानी में डालें हल्दी
इसके अलावा विवाह के योग होने के लिए युवक-युवतियों को प्रत्येक गुरुवार को स्नान करने वाले जल में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाना चाहिए। इसके अलावा नहाने के पानी में गुलाब की पत्तियां भी डाल कर नहाना चाहिए। इसे शीघ्र ही शादी के योग बनते हैं।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)