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Basant panchmi Puja vidhi, Time: बसंत पंचमी पर मां सरस्‍वती की पूजा व‍िध‍ि, सुबह और शाम कब हो सकती है पूजा

Updated Feb 05, 2022 | 11:30 IST

Basant Panchami (Saraswati Mata) puja vidhi, time, muhurat: बसंत पंचमी का पर्व भारत में बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इसी दिन से वसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है। जानें बसंत पंचमी पर कब और कैसे करें मां सरस्‍वती का पूजन।

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सरस्वती पूजा के दिन घर पर पूजा कैसे करें
मुख्य बातें
  • माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है बसंत पंचमी
  • इस दिन कला की देवी मां सरस्वती की जाती है पूजा अर्चना
  • बसंत पंचमी के दिन से ही वसंतोत्सव की हो जाती है शुरुआत

Saraswati Mata (Basant Panchami) puja vidhi, time, muhurat: बसंत पंचमी हिंदुओं का एक विशेष पर्व है। इस दिन मां सरस्वती की पूजा अर्चना की जाती है। यह दिन विद्यार्थियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन शैक्षणिक स्थानों पर मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर धूमधाम से पूजा आराधना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह 5 फरवरी को मनाई जाएगी। शास्त्र के अनुसार इस दिन मां सरस्वती की सच्चे मन से पूजा आराधना करने से माता जीवन की सभी विघ्नों को शीघ्र ही दूर कर देती है।

पंचांग के अनुसार बसंत पंचमी के दिन से ही वसंतोत्सव की शुरुआत हो जाती है। यदि आप अपने बच्चों की पढ़ाई में आने वाली विघ्न-बाधाओं को दूर करना चाहते है, तो बसंत पंचमी के दिन अपने बच्चे से यहां बताएं गए तरीके से मां सरस्वती की पूजा कराएं, ऐसे पूजा करने से मां सरस्वती बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं, तो आइए चलें बसंत पंचमी पूजा विधि को जानने।

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बसंत पंचमी 2022 पूजा विधि, Saraswati Puja 2022 Vidhi in Hindi 

  • पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए सुबह-सुबह उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर पीला, बसंती या सफेद वस्त्र पहन लें।
  • पंचमी के दिन भूलकर भी लाल या काला वस्त्र पहनकर पूजा ना करें।
  • अब पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठ जाएं और पूजा प्रारंभ करें।
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  • बसंत पंचमी के दिन पूजा के लिए सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद ढाई घंटे का ही इस्तेमाल करें।
  • पूजा के दौरान मां सरस्वती को सफेद या पीला फूल और सफेद चंदन अर्पित करें।
  • अब प्रसाद के रूप में दही हलवा अथवा मिश्री माता को चढ़ाएं।
  • प्रसाद के साथ-साथ केसर मिले हुए मिश्री का भोग माता को जरुर चढ़ाएं। यह भोग बेहद उत्तम माना जाता है।
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  • पूजा के दौरान मां सरस्वती का प्रभावशाली मंत्र ''ॐ ऐं सरस्वत्यै नमः'' का जाप जाप 108 बार करें।मंत्र का जाप करने के बाद माता की आरती करें और सबको आरती दें।

पूजा समाप्त होने के बाद अपने परिवारजनों और आसपास के लोगों को प्रसाद वितरण करें और स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें।

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