- इस महापर्व को बहुत श्रद्धा तथा समर्पण से मनाते हैं
- अमावस्या तांत्रिक पूजाओं के लिए बहुत पुनीत अवसर है
- इस दिन रात्रि में हल्दी की माला पे पीला वस्त्र धारण करके बंगलामुखी मंत्र का जप करें
Bhadrapada Amavasya: ज्योतिषाचार्य सुजीत जी महाराज के अनुसार भाद्रपद अमावस्या 30 अगस्त को है। इस महापर्व को बहुत श्रद्धा तथा समर्पण से मनाते हैं। अमावस्या तांत्रिक पूजाओं के लिए बहुत पुनीत अवसर है।
इसका महत्व बहुत ज्यादा है। इस रात्रि को माता काली की पूजा कर कई तांत्रिक सिद्धियां प्राप्त की जाती हैं। इस रात्रि सोना नहीं चाहिए बल्कि अपने इष्ट की उपासना करनी चाहिए। इस दिन दान का बहुत महत्व है। अन्न दान अवश्य करें-।
अमावस्या पर क्या करें-
1-इस दिन श्री विष्णुसहस्रनाम का पाठ करें। यह दिन भगवान विष्णु जी की पूजा का है।इस धार्मिक पुस्तक का पाठ करने से समस्त पापों से मुक्ति मिलती है।
2-ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नामक महामंत्र का जप करें।
3-इस दिन रात्रि में हल्दी की माला पे पीला वस्त्र धारण करके बंगलामुखी मंत्र का जप करें।
4-किसी शिवमंदिर में स्वयंभू शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करें।
5-ॐ नमः शिवाय मंत्र का कम से कम रूद्राक्ष की माला पर 7 माला जपें।
6-गरीबों में अन्न तथा वस्त्र का दान करें।
7-इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा का अनंत पुण्य मिलता है।
8-श्री कृष्ण मंदिर में बांसुरी अर्पित करें।
9-मंदिर में भंडारा करवाएं।
10-इस दिन असत्य मत बोलें।
11-मन,वचन तथा कर्म से अहिंसा का पालन करें।
12-श्री रामरक्षास्तोत्र का पाठ करें।
13-किसी गोशाला में जाएं तथा गो माताओं को भोजन कराएं।
14-घर के मंदिर में अखंड घी का दीपक जलाएं।
इस अमावस्या पर क्या न करें-
1-किसी से धन उधार मत लें।
2-गुरु,माता तथा पिता को कटु वचन मत कहें।
3-आज घर में गंदगी कदापि मत हो।पूरा घर साफ सुथरा रखें।
4-इस पावन पर्व पर मांसाहारी भोजन कदापि मत करें।
5-किसी को ऐसा वचन न बोलें कि उसके हृदय को चोट पहुंचे।
6-इस दिन शराब या किसी प्रकार का धूम्रपान मत करें
इतनी बातों का ध्यान रखने से कि भाद्रपद अमावस्या आपके लिए शुभ फलों की प्राप्ति करवाएगा तथा समस्त कष्टों से मुक्ति दिलाएगा।
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