- भाद्रपद मास में भगवान श्री कृष्ण का हुआ था जन्म
- हिंदू कैलेंडर के अनुसार छठा और चातुर्मास का दूसरा महीना कहलाता है भाद्रपद मास
- जानें भाद्रपद मास में कौन से कार्य नहीं करने चाहिए
Bhadrapada Month 2022 Start Date, Niyam, Rules: हिंदू पंचांग के अनुसार छठा और चातुर्मास का दूसरा महीना भाद्रपद मास कहलाता है। हिंदू धर्म में यह महीना बहुत ही खास होता है। भाद्रपद महीने (Bhadrapada month 2022) में कजरी तीज, जन्माष्टमी, गणेश चतुर्थी जैसे कई बड़े त्योहार मनाए जाएंगे। पंचांग के अनुसार इस बार 13 अगस्त से 10 सितंबर तक भाद्रपद मास (Bhadrapada month 2022 dates) रहेगा। आपको बता दें, लेकिन हिंदू धर्म में इस महीने में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं किए जाते हैं। हालांकि पूजा पाठ के लिए यह महीना बेहद शुभ माना जाता है।
Bhadrapada Month 2022 Start and End Dates
भाद्रपद मास 2022 प्रारंभ तिथि : 13 अगस्त, दिन - शनिवार
भाद्रपद मास 2022 समापन तिथि : 10 सितंबर, दिन - शनिवार
Bhadrapada Month 2022 What not to do: भाद्रपद मास में न करने वाले काम
1. हिंदू शास्त्र के अनुसार भाद्रपद (Bhadrapada month Ke Niyam) मास में गुड़, दही और उस से बनी हुई कोई भी चीजों का सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इसका सेवन करने से आपको पेट संबंधित समस्या हो सकती है।
2. ज्योतिष के अनुसार भाद्रपद मास का महीना भक्ति और मुक्ति का माना जाता हैं। ऐसे महीने में लहसुन, प्याज मांस और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
3. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में दूसरों का दिया हुआ चावल खाने या नारियल तेल का इस्तेमाल करने से घर में दरिद्रता आती हैं।
4. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस महीने में रविवार के दिन नमक का सेवन और बाल कटवाना शुभ नहीं माना जाता है।
Bhadrapada Month Rules: भाद्रपद माह (भादो) के नियम
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भादो के महीने में पवित्र नदियों में स्नान करने और जरूरतमंदों को दान करने से भगवान श्री कृष्ण की विशेष कृपा प्राप्त होती हैं। इस महीने में भगवान श्री कृष्ण की पूजा में तुलसी जरूर चढ़ाना चाहिए।
अपनी शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए इस महीने में स्वात्विक भोजन करना उत्तम माना जाता है। ऐसा कहा जाता है, कि भाद्रपद मास में गाय के दूध का सेवन करने और भगवान श्री कृष्ण को पंचगव्य अर्पित करने से वंश की वृद्धि होती है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)