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Chanakya Niti: चाणक्य ने हर इंसान की बताई हैं 5 मां, इनका अपमान कभी न करें

Updated Feb 13, 2020 | 18:29 IST

Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य के नीतिशास्त्र में हर इंसान की पांच माताएं बताई गईं हैं। इन माताओं का सम्मान करने और भूल कर भी अपमान नहीं करने के बारे में बताया गया है।

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Chanakya Neeti : कौन हैं इंसान की 5 मांएंं
मुख्य बातें
  • गुरु की पत्नी को माता के समान माना गया है
  • राजा या मुखिया की पत्नी भी माता होती है
  • पत्नी की मां को भी माता का सम्मान देना चाहिए

चाणक्य नीति जीवन के उन पहलुओं के बारे में भी हमें ज्ञान देती हैं, जिनके जरिये हमारा और हमारे परिवार का विकास होता है। अपने उसूल पर चलने वाला इंसान न केवल अपने अंदर आत्मविश्वास से भरा होता है, बल्कि दूसरों के लिए भी प्रेरणास्रोत होता है। ऐसे लोगों को जीवन में चाणक्य नीति से बहुत कुछ सीखने के लिए मिलता है। चाणक्य ने हर इंसान को देश, समाज और अपने लिए कुछ कर्म बताएं हैं। इसी क्रम में उन्होनें यह भी बताया है कि हर इंसान की पांच माएं होती हैं और इन माताओं का कभी भी अपमान नहीं करना चाहिए।

तो आइए जानें चाणक्य की नीति के अनुसार पांच माताएं कौन-कौन हैं -

  1. जन्म देने वाली माता : जन्म देने वाली माता इंसान की सबसे पहली माता होती है और आपको जन्म देने का जो कष्ट उसने उठाया है उसका अहसान कभी नहीं चुकाया जा सकता। इसलिए जन्म देने वाली मां का ख्याल रखना और उनका सम्मान करना हर इंसान का फर्ज है।
  2. गुरु की पत्नी : गुरु की पत्नी भी मां ही मानी गई है, क्योंकि गुरु पिता समान होते हैं। गुरु के कारण ही इंसान जीवन में सही और गलत की पहचान ही नहीं करता बल्कि ज्ञान का भंडार भी उन्हीं से मिलता है। इसलिए गुरु की पत्नी भी हमेश अपने पति के शिष्यों को संतान के रूप में ही देखती है। गुरु की तरह ही इनका सम्मान हमेशा करना चाहिए।
  3. पत्नी की माता : बहुत कम लोग होते हैं जो अपनी पत्नी की मां को भी मां की तरह मानते हैं और उनका सम्मान करते हैं। आचार्य चाणक्य का कहना है जिसने आपको अपनी पुत्री दी है और आपको अपना पुत्र माना है वह आपकी मां समान ही है। इसलिए उनका सम्मान करना आपका धर्म है।
  4. राजा या देश के मुखिया की पत्नी : किसी भी देश का राजा या मुखिया की पत्नी भी मां के समान ही होती है। जिस देश या राज्य में आप रहते हैं वहां के मुखिया की पत्नी को मां के समान ही सम्मान दें। ऐसा इसलिए क्योंकि एक राजा या मुखिया के लिए उसकी प्रजा संतान की तरह होती है।
  5. पालने-पोषण करने वाली महिला : जिस तरह जन्म देने वाली मां होती है वैसे ही पालन-पोषण करने वाली भी मां के समान ही होती है। वह अपने बच्चे की तरह पालन पोषण करती है और जरूरतों का ख्याल रखती है। इसलिए माता के रूप में इनका भी सम्मान करना चाहिए।

चाणक्य नीति कहती है कि स्त्रियों का जो सम्मान करता है, वह जीवन में हमेशा प्रगति के पथ पर अग्रसर होता है। 

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