- कड़वी बातें सफलता में भी बाधक बन सकती हैं
- चाणक्य की नीतियां और अनमोल विचार आज भी हैं प्रासंगिक
- मधुर वाणी बोलने से हर किसी से मान-सम्मान प्राप्त होता है
Chanakya Niti in Hindi: अगर आप भी बात-बात पर लोगों पर चीखते-चिल्लाते हैं या कड़वी बातें बोलते हैं, तो संभल जाएं। कठोर और कड़वी बातें न सिर्फ दूसरों को आहत करती हैं बल्कि आपकी सफलता में भी बाधक बन सकती हैं। आचार्य चाणक्य की नीतियां और अनमोल विचार आज भी प्रासंगिक है। उनकी नीतियां भावी पीढ़ियों के लिए काफी प्रेरणादायक हैं। उनकी नीतियों का अनुसरण करने से जीवन खुशहाल और सुखमय हो सकता है। आचार्य ने मनुष्यों के कई अवगुणों के बारे में बताया है। जिन लोगों में यह अवगुण होते हैं वो कभी धनवान और सफल नहीं हो पाते। आज हम आपको बता रहे हैं कठोर वाणी पर आचार्य चाणक्य की नीति के बारे में।
कठोर वाणी अग्नि दाह से भी अधिक दुःख पहुंचाती है
आचार्य चाणक्य के अनुसार, मनुष्य के मुख से निकली हुई कठोर वाणी अग्नि दाह से भी ज्यादा तकलीफ देती है। मुख से निकले हुए कठोर और कड़वे शब्द मनुष्य के मन को अग्नि के हवाले करने से भी ज्यादा तेज जलन पैदा करते हैं। कठोर बातें बोलने से न सिर्फ सामने वाला व्यक्ति आहत होता है बल्कि बनते हुए काम भी बिगड़ जाते हैं।
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मधुर वाणी बोलने से मिलता है मान-सम्मान
चाणक्य कहते हैं कि मनुष्य को हमेशा मधुर वाणी बोलनी चाहिए। मधुर वाणी बोलने से हर किसी से मान-सम्मान प्राप्त होता है। मधुर वाणी कठोर से कठोर व्यक्ति को भी पिघला देती है। हर व्यक्ति को इस आदत को अपनाना चाहिए। मीठा बोलने से जीवन में तरक्की का मार्ग प्रशस्त होता है। ऐसे लोग सभी को प्रिय होते हैं और उनके लिए लोग कुछ भी करने को तैयार रहते हैं।
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मीठा बोलकर जीत सकते हैं लोगों का दिल
हमेशा सोच-समझकर बोलें और गुस्सा आए तो उन लोगों के बारे में सोचें जो आपको खुशी देते हैं। घटिया शब्दावली का उपयोग करने से बचें। मृदुभाषी बनने से आपके व्यक्तित्व में निखार आता है और आपकी बातें लोगों को जल्दी समझ में आती हैं। मीठा बोलकर आप लोगों का दिल जीत सकते हैं और अपने कार्यों में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: यह जानकारी तीसरे पक्ष की ओर से उपलब्ध कराई गई है। टाइम्स नेटवर्क इस दावे की प्रामाणिकता की पुष्टि नहीं करता है।)