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Chankya ke safalta sootra : आचार्य चाणक्य के अनुसार जीवन जीने के मूलमंत्र, ये आपको बना देंगे सफल

Updated Jul 03, 2021 | 19:00 IST

आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से अपने नीतिशास्त्र में जीवन जीने के तरीके का उल्लेख किया है। इन नीतियों पर चलकर आप एक सफल और सुखद जीवन की कामना कर सकते हैं।

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चाणक्य नीति फॉर हैप्पी लाइफ
मुख्य बातें
  • धन का व्यक्ति के जीवन में विशेष है महत्व।
  • सफलता की महक को पाने के लिए असफलता के डर को दूर भगाना है बेहद आवश्यक।
  • दान से दरिद्रता का होता है नाश।

कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ और प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्वविख्यात आचार्य चाणक्य को जीवन का दर्शन ज्ञाता भी कहा जाता है। उन्होंने अपने जीवन का जो अनुभव प्राप्त किया उसका चाणक्य नीति में उल्लेख किया है। आचार्य चाणक्य की इन्हीं नीतियों के बल पर कई राजा महाराजाओं ने अपना शासनकाल चलाया, आज भी ये नीतियां मनुष्य के जीवन में काफी प्रासंगिक हैं। इन नीतियों को अपने जीवन में लागू कर आप एक सफल और सुखद जीवन की कामना कर सकते हैं। आचार्य चाणक्य ने एक श्लोक के माध्यम से अपने नीतिशास्त्र में जीवन जीने के तरीके का उल्लेख किया है। आइए जानते हैं

धन संचय

धन का व्यक्ति के जीवन में विशेष महत्व होता है। धन की कमी व्यक्ति के जीवन में कई समस्याओं को उत्पन्न कर देती है। धन ना होने पर अपना अपने को नहीं पहचानता। आचार्य चाणक्य के अनुसार ऐसी स्थिति में आपको बुरे वक्त से निपटने के लिए धन संचय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यह जीवन जीने के सबसे महत्वपूर्ण घटक है।

असफलता से ना डरें

आचार्य चाणक्य ने सफलता की महक को पाने के लिए असफलता के डर को दूर भगाना बेहद आवश्यक बताया है। चाणक्य कहते हैं कि असफलता का डर हावी हो जाने के बाद मनुष्य कभी सफल नहीं हो सकता। साथ ही किसी काम को करने से पहले उसकी रूपरेखा के बारे में किसी से चर्चा ना करें। इससे सामने वाला व्यक्ति आपके कार्य में अड़चन डाल सकता है।

जीवन के बुरे दिनों में संयम रखें

आचार्य चाणक्य के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में उतार चढ़ाव आता रहता है। इस दौरान हिम्मत ना हारें निरंतर परिश्रम करते रहें। परिश्रम से सफलता मिलती हैं और सफलता धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रसाद होता है। ऐसे में जीवन के बुरे दिनों में भी संयम बना कर रखें और निरंतर परिश्रम करें।

दान कर दरिद्रता को दूर भगाएं

आचार्य चाणक्य एक श्लोक के माध्यम से कहते हैं कि दान से दरिद्रता का नाश होता है। एक संपन्न व्यक्ति द्वारा किए गए दान की अपेक्षा अभावग्रस्त व्यक्ति द्वारा स्वयं अभावों को झेलते हुए दूसरों के सुख के लिए दान करना अधिक फलदायी है। इससे दरिद्रता को दूर भगाया जा सकता है।

मित्रता

चाणक्य के अनुसार मित्रता का व्यक्ति के जीवन पर विशेष प्रभाव पड़ता है। एक ओर जहां समझदार मित्र आपको आपके लक्ष्य तक पहुंचने में मदद कर सकता है। वहीं यदि मित्रता नीच स्वभाव वाले व्यक्ति से है तो व्यक्ति का अंत होने में ज्यादा समय नहीं लगता। नीच लोगों से मित्रता ना केवल आपके लिए परेशानी का सबब बन जाती है बल्कि यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है। इसलिए सफल और सुखद जीवन के लिए मित्रता एक समझदार व्यक्ति से करें।

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