- जिसका मन स्थिर नहीं रहता उसे खुशी व सुकून नहीं मिलता
- दूसरे की खुशी देख दुखी होने वालों का साथ कोई नहीं देता
- व्यक्ति का चंचल दिमाग असफलता का सबसे बड़ा अवगुण
Chanakya Niti in Hindi: व्यक्ति के गुण ही उसे सफलता की सीढ़ियों चढ़ाते हैं। वहीं अगर व्यक्ति में अवगुण हैं तो वह लाख प्रयास करने के बाद भी सफल नहीं हो पाता है। आचार्य चाणक्य ने लोगों को अवगुणों से दूर रहने की सलाह देने के साथ कुछ ऐसे अहम मुद्दों के बारे में प्रेरणा दी है, जिससे व्यक्ति एक सुखी और शांतिपूर्ण जीवन जीने का तरीका सीख सके। आचार्य चाणक्य कहते हैं मनुष्य के जीवन जीने का सलीका और उसके अंदर मौजूद गुण-अवगुण ही उसे सफल व असफल बनाते हैं। सभी के अुदर कुछ न कुछ अवगेण होते हैं, जिन्हें दूर किया जाना चाहिए। इनमें से कुछ अवगुण ऐसे होते हैं, जिन्हें अगर समय रहते न दूर किया जाए तो ये जिंदगीभर की मेहनत पर चुटकियों में पानी फेर देते हैं।
मन का स्थिर न होना
आचार्य चाणक्य के अनुसार जिस भी व्यक्ति का मन स्थिर नहीं रहता, वह कभी खुश नहीं रह सकता। ऐसे लोग पास में सबकुछ होने के बाद भी अपने मन को स्थिर नहीं कर पाते और बेवजह जीवनभर कई तरह के परेशानियों में घिरे रहते हैं। ऐसे लोग जितनी भी मेहनत कर लें लेकिन इन्हें सुकून व खुशी नहीं मिलेती।
दूसरे की खुशी से दुखी होना
चाणक्य कहते हैं कि जो व्यक्ति दूसरों की खुशी देखकर दुखी होता है, वह जीवनभर अकेला ही रहता है। ऐसे लोग दूसरों की सफलताओं से नाखुश रहते हैं और जलन के कारण खुशी व्यक्त नहीं कर पाते। ऐसे लोगों के पास न तो सफलता रहती है और न ही लोग।
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दिमाग का चंचल होना
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि दिमाग से ही पूरा शरीर कंट्रोल होता है। जिस व्यक्ति का दिमाग काबू में नहीं रहता तो उसका मन व शरीर भी किसी काम को सही से नहीं कर पाता है।
अपने दिमाग को कंट्रोल न करने वाले व्यक्ति का दिमाग चंचल होता है और ऐसे में वह किसी काम पर सही से फोकस नहीं कर पाता। यह व्यक्ति की असफलता में सबसे बड़ा अवगुण है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)