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Chanakya Niti: इन 5 जगहों पर एक भी दिन ठहरने से होता है नुकसान, जानिए क्या कह गए आचार्य चाणक्य

Updated Jan 15, 2021 | 11:13 IST

Chanakya Teachings in Hindi: चाणक्य नीति के अनुसार एक सूत्र में 5 ऐसी जगहें बताई गई हैं जहां रुकने से बचने में भलाई होती है और ऐसा नहीं करने पर नुकसान उठाना पड़ सकता है।

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चाणक्य नीति
मुख्य बातें
  • चाणक्य ने जीवन में 5 चीजों को बताया है मूलभूत जरूरतें।
  • इनके अभाव में किसी भी जगह पर ना रुकने की सलाह देते हैं कौटिल्य।
  • जानिए चाणक्य नीति के अनुसार किन जगहों पर एक भी दिन रुकना ठीक नहीं।

कौटिल्य या चाणक्य भारत के प्राचीन इतिहास के सबसे महान विद्वानों में से एक कहे जाते हैं अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति समेत कई क्षेत्रों में उन्हें महारत हासिल थी और अपने नीतिशास्त्र यानी 'चाणक्य नीति' में जीवन जीने के तरीकों के बारे में बात करके उन्होंने इंसानी सभ्यता को गहराई से प्रभावित किया। इतना ही नहीं आज भी चाणक्य नीति के सूत्र जीवन में बेहद उपयोगी समझे जाते हैं।

चाणक्य नीति में बताया गया है कि किस तरह से मानव को अपने जीवन का निर्वाह करना चाहिए। चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से आचार्य चाणक्य बताते हैं कि किस तरह की जगहों पर किसी भी समझदार व्यक्ति को बिल्कुल भी नहीं ठहरना चाहिए और जितना हो सके बचना चाहिए।

धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:। 
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।

चाणक्य इस श्लोक में कहते हैं कि जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य (डॉक्टर) न हों, जहां कोई नदी न हो, वहां एक दिन भी ठहरना उचित नहीं। यानी इस जगह ना रहें जहां-

जिस शहर में कोई धनी व्यक्ति ना हो।
जिस देश में वेदों को जानने वाले विद्वान ना हो।
कोई राजा या सरकार जिस देश में ना हो।
कोई डॉक्टर जिस शहर या गांव में ना हो।
और जिस जगह के पास कोई भी नदी ना बहती हो, वहां मनुष्य को रहने के बारे में विचार नहीं चाहिए।

चाणक्य का ऐसा कहने के पीछे कुछ कारण हो सकते हैं, जैसे वह कहते हैं कि इन 5 चीजों का अत्यधिक महत्व है। आपत्ति के समय धन की जरूरत होती है जिसकी पूर्ति धनी व्यक्तियों से ही होती है। कर्मकांड के लिए पारंगत पुरोहित आवश्यक हैं। राज्य शासन के लिए राज प्रमुख या राजा की जरूरत होती है।

जल आपूर्ति के लिए नदी और रोग निवारण के लिए अच्छे डॉक्टर की जरूरत होती है। इसलिए चाणक्य 5 चीजों को जीवन के लिए जरूरी बताते हैं।

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