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Chanakya Niti: मां-बाप की ये गलतियां हैं बच्‍चों की सबसे बड़ी दुश्‍मन, कर देती हैं जिंदगी को पूरी तरह बर्बाद

Updated May 08, 2022 | 08:02 IST

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्‍त्र में लोगों को जीवन आसान बनाने का रास्‍ता दिखाया है। आचार्य चाणक्य की इन नीतियों में कुछ ऐसी नीतियां भी हैं, जिसे हर मां-बाप को ध्यान में रखकर अपने बच्चों के अंदर संस्कार डालना चाहिए।

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Chanakya Niti
मुख्य बातें
  • बच्‍चों को सद्गुणों व शिक्षा से युक्‍त करना मां-बाप की जिम्‍मेदारी
  • बच्‍चों को प्‍यार करें, लेकिन कभी गलतियों को न करें नजरअंदाज
  • बचपन में जिस तरह की शिक्षा मिलेगी, बड़ा होकर बच्‍चा वैसे ही बनेगा

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्‍त्र में लोगों को जीवन आसान बनाने का रास्‍ता दिखाने के साथ लोगों को कई जरूरी और कड़े संदेश भी दिए हैं। चाणक्य के नीति शास्त्र में जीवन के हर पहलू पर जानकारी दी गई है। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में अर्थशास्‍त्र और राजनीति के अलावा पाप-पुण्य, कर्तव्य और धर्म- अधर्म के बारें में भी बहुत कुछ लिखा है। आचार्य चाणक्य के द्वारा बनाई गई जीवन में सुख, शांति और सफलता का रास्ता दिखाती हैं। आचार्य चाणक्य की इन नीतियों में कुछ ऐसी नीतियां भी हैं, जिसे हर मां-बाप को ध्यान में रखकर अपने बच्चों के अंदर संस्कार डालना चाहिए।

करें सद्गुणों से युक्त

आचार्य चाणक्य के नीति शास्‍त्र के अनुसार विवेकशील माता-पिता को अपने पुत्र-पुत्रियों को बचपन से ही सद्गुणों से युक्त करना चाहिए। क्‍योंकि अच्छे गुणों से युक्त सज्जन स्वभाव वाले व्यक्ति ही कुल में पूजनीय होते हैं। बच्चों के अंदर बचपन में जैसे बीज बोए जाएंगे वैसे ही फल सामने आएंगे, इसलिए माता-पिता बच्‍चों का बचपन में मार्गदर्शन करें।

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अच्‍छी शिक्षा दें
आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशात्र  के द्वितीय अध्याय के 11वें श्लोक में कहा है कि, जो  माता पिता अपने बच्चों की शिक्षा पर ध्यान नहीं देते, वे बच्चों के शत्रु के समान होते हैं। अशिक्षित लोगों को को यदि विद्वानों के साथ बैठा दिया जाए तो वे तिरस्कृत महसूस करते हैं। विद्वानों के समूह में ऐसे लोगों की वही स्थिति होती है जैसे हंसों के झुंड में बगुले की स्थिति होती है। इसलिए शिक्षा जरूरी है।

बच्‍चों की गलतियों को न करें नजरअंदाज
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि यदि बच्चों को ज्यादा प्यार करो तो वह बिगड़ जाते हैं, प्‍यार अपनी जगह और सही गलत अपनी जगह होता है। यदि आप अपने बच्चों की गलती को अनदेखी करते हैं तो आप अपने बच्‍चे का विनाश कर रहे हैं। बच्चे यदि कोई गलत काम करते हैं तो उन्हें पहले ही समझा-बुझाकर उस गलत काम से दूर रखने का प्रयत्न करना चाहिए।

जैसा बीच बोएंगे वैसा ही फल मिलेगा
आचार्य चाणक्य ने कहा है कि, सभी मां-बाप को इस बात का ध्‍यान रखना चाहिए कि, वे जैसा बीच बाएंगे उसी तरह का फल उन्‍हें मिलेगा। अगर बच्‍चे को बचपन में अच्‍छी शिक्षा और ज्ञान मिलेगा तो वह बड़ा होकर मां-बाप की सेवा करेगा। साथ ही समाज में भी कुल का नाम आगे बढ़ाएगा।

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