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Chanakya Niti: युवाओं को बर्बाद करने वालीं बुरी आदतें, जिनसे दूर रहने को कहते हैं चाणक्य

Updated Jan 05, 2022 | 20:03 IST

Chanakya Niti for Youth in Hindi: आचार्य चाणक्य के वचनों में जिंदगी में सुख और शांति के लिए व्यवहारिक सीख का संकलन है। इसमें युवाओं को भी कुछ बुरी आदतों के प्रति सावधान किया गया है।

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चाणक्य नीति
मुख्य बातें
  • जीवन की व्यवहारिकता से साक्षात्कार कराती है चाणक्य नीति।
  • आचार्य चाणक्य ने अपने वचनों में युवाओं के लिए भी दिए हैं सबक।
  • जानिए युवा अवस्था में किन बुरी आदतों से आचार्य कौटिल्य ने किया है सावधान।

नई दिल्ली: भारत के इतिहास में आचार्य चाणक्य को सबसे कुशल समाजशास्त्री और अर्थशास्त्रियों में से एक माना जाता है। इसके अलावा वह एक कुशल शिक्षक भी थे जो अब तक चाणक्य नीति से लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। शिक्षक के तौर पर चाणक्य की पहचान देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी हैं। अपने समय में चाणक्य तक्षशिला विश्वविद्यालय के आचार्य रहे थे।

आचार्य चाणक्य को युवा वर्ग के लिए भी मार्गदर्शक माना गया है और जिनका उल्लेख चाणक्य नीति नामक पुस्तक में मिलता है। चाणक्य ने युवाओं को किन बुरी आदतों के प्रति सावधान किया है, यहां जानिए।

युवावस्था धन के समान:
आचार्य चाणक्य अपने वचनों में सीख देते हुए कहते हैं कि युवा अवस्था धन के समान मूल्यवान होती है। जिस प्रकार धर्म में साधना का महत्व होता है, उस तरह हर इंसान को ज्ञान और संस्कार पाने के लिए शरीर को भी तपना पड़ता है। इंसान के व्यक्तित्व में निखार आता है।

चाणक्य अनुसार व्यक्ति को भविष्य में अच्छे जीवन के लिए युवावस्था में ही तपना ही पड़ता है। ऐसे में युवाओं को सजग और सतर्क भी रहना चाहिए। इस उम्र में थोड़ी लापरवाही भविष्य में भारी होती है इसलिए युवावस्था में हमेशा इस बात का बहुत ध्यान भी रखना चाहिए।

नशे को कहें 'ना'
युवावस्था में गलत चीजें बहुत अधिक प्रभावित करती हैं। अगर कम उम्र में गलत आदतें लग जाती हैं तो इससे छुटकारा पाना बहुत ही मुश्किल होता है। युवावस्था नशे की लत जीवन को बर्बाद करने के साथ साथ परिवार और आसपास के लोगों पर भी बुरा असर डालती है। इसलिए इस उम्र में नशे से दूर रहें।

गलत संगति से दूरी जरूरी:
संगति से सावधानी के प्रति सीख भारत के कई प्राचीन ग्रंथों में देखे को मिलती है और चाणक्य नीति भी इससे अछूती नहीं है क्योंकि अपरिपक्व उम्र में की संगति का सीधा असर इंसान के पूरे जीवन पर पड़ता है। चाणक्य ने कहा है कि दोस्ती करते समय व्यक्ति को बहुत सावधानी रखनी चाहिए।

अच्छे लोगों से संगति करने पर जीवन को नई दिशा मिलती है और जबकि गलत संगति में रहने वाला इंसान भविष्य को अंधकार में धकेलता है।

सेहत का खास ख्याल:
आचार्य कौटिल्य के अनुसार युवावस्था में हर युवक को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना चाहिए। युवावस्था में ही शरीर और स्वास्थ्य को तरासा जाता है। जिसका लाभ भविष्य में पूरे जीवन मिलता ही रहता है।

चाणक्य के अनुसार शरीर तंदुरुस्त होने से मन-मस्तिष्क भी अच्छा रहता है। साथ ही मस्तिष्क के अच्छा काम करने से जीवन बेहतर होता है। यह भविष्य निर्माण में सहायक होता है और इसलिए इस उम्र में पौष्ठिक भोजन लेना चाहिए।

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