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Chanakya Niti For Success: जीवन में सफलता के साथ अगर चाहिए धन और सम्मान तो कभी भूलकर भी न करें ये काम

Updated May 20, 2022 | 11:59 IST

Chanakya Niti In Hindi: आचार्य चाणक्‍य कहते हैं कि जिस व्‍यक्ति के अंदर अवगुण होता है वह कभी सफल नहीं हो सकता है। झूठ, अहंकार और धोखा देने वाले व्‍यक्ति से सफलता के साथ धन व सामाजिक सम्‍मान भी दूर चला जाता है।

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Chanakya Niti
मुख्य बातें
  • कमजोर को सताने वाले से लक्षमी जी रहती हैं दूर
  • लालच करने वाला हो जाता है पूरी तरह बर्बाद
  • धोखेबाज लोग रहते हैं जीवन भर रहते हैं अकेले

Chanakya Niti In Hindi: चाणक्य नीति आज के जीवन में भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना यह अपने समय में थी। इसका सबसे बड़ा कारण इसमें बताया गया जीवन की सच्‍चाई है। ये व्‍यक्ति को सही और गलत के बीच फर्क करने की शिक्षा देने के साथ सफलता का रास्‍ता दिखाती है। जिसके कारण ही लोग चाणक्य नीति की बातों पर अमल कर अपने रास्‍ते को आसान बनाते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार सफलता का आनंद वही व्यक्ति ले सकता है जो अवगुणों से मुक्त हो। जो व्‍यक्ति झूठ, अहंकार, लोभ और धोखा देने जैसा कार्य करता है वो न तो कभी सफल हो सकता है और न ही उसे धन व सम्‍मान मिल सकता है।

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कमजोरों को सताने वाले से लक्ष्‍मी जी रहती है नाराज

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो लोग अपने पद और प्रतिष्ठा का गलत फायदा उठाते हुए कमजोर लोगों को सताते व उनका अपमान कर हक मारते हैं, ऐसे लोगों पर लक्ष्‍मी जी की कृपा नहीं होती। इनसे लक्ष्मी जी नाराज रहती हैं। ऐसे लोग को समाज में भी सम्‍मान नहीं मिलता है।

लालच बनता है बर्बादी का कारण

आचार्य चाणक्य के अनुसार, लालची लोग लोभ में फंस कर अपना पूरा जीवन बर्बाद कर लेते हैं। चाणक्‍य नीति में कहा गया है कि परिश्रम से कमाया गया धन ही सार्थक होता है। जो लोग छल कपट कर धन अर्जित करते हैं, वह उनकी बर्बादी का कारण बनता है। बिना परिश्रम मिला धन लंबे समय तक नहीं रुकता है। लोभ के साथ कई अवगुण भी आते हैं।  

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धोखेबाज जीवन भर रहते हैं अकेले

चाणक्य नीति के अनुसार, जो व्यक्ति दूसरों को धोख देकर आगे बढ़ने की कोशिश करता है वह जीवन भर अकेला ही रह जाता है। ऐसे लोगों को न तो कहीं सफलता मिलती है और न ही धन व सम्‍मान। इनका जीवन नर्क के समान होता है। हर कोई ऐसे लोगों से दूर रहना चा‍हता है।

कभी न करें धन का अपमान

चाणक्य नीति के अनुसार किसी भी व्यक्ति को भूलकर धन यानी लक्ष्मी जी का अपमान नहीं करना चाहिए। इसे सहेजकर खर्च करना चाहिए। अपने धन का कुछ हिस्‍सा जरूरतमंदों व गरीबों को देना चाहिए। साथ ही परोपकार के कार्य में लगाना चाहिए। गलत कार्यों में धन कभी नहीं खर्च करना चाहिए, नहीं तो लक्ष्मी जी दूर चली जाती है।

अहंकारी व्‍यक्ति खुद को कर लेता है खत्‍म

आचार्य चाणक्‍य के अनुसार, अहंकार बहुत ही विनाशकारी अवगुण है। जिसके अंदर यह आ जाता है वह अपना सर्वनाश कर लेता है। अहंकारी लोग अहंकार के वश में आकर अर्जित किया हुआ धन व सम्‍मान भी खो देते हैं। इसलिए व्‍यक्ति को इससे बचना चाहिए। ऐसे लोगों को समाज में दुत्‍तकार मिलने के अलावा कुछ नहीं मिलता है।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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