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सूर्य ग्रहण के बाद जानें कब लगेगा चंद्र ग्रहण, जानिए दिन समय और सूतक काल

Updated May 08, 2022 | 13:17 IST

Chandra Grahan 2022: साल का पहला चंद्र ग्रहण सोमवार 16 मई को लगने जा रहा है। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं देखा जा सकेगा। इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। इस दिन वैशाख पूर्णिमा भी पड़ रही है। ग्रहण का प्रभाव भारत में नहीं होगा इसलिए पूर्णिमा से जुड़े पूजा-पाठ और स्नान-दान जैसे कार्य किए जा सकेंगे।

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Lunar Eclipse
मुख्य बातें
  • पूर्ण चंद्र ग्रहण होने पर भी मान्य नहीं होता सूतक काल
  • 16 मई को लगेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण
  • 1 घंटे 24 मिनट होगी चंद्र ग्रहण की कुल अवधि

Lunar Eclipse 2022 Date time in India: साल 2022 का पहला चंद्र ग्रहण सोमवार,16 मई को लगेगा।  ग्रहण का लगना वैज्ञानिक और ज्योतिष दृष्टिकोष से काफी महत्वपूर्ण माना जात है। ज्योतिष के अनुसार, ग्रहण का प्रभाव पूर्ण या फिर आंशिक रूप से सभी राशियों पर पड़ता है। इसलिए ग्रहण के दौरान लोगों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। साथ ही ग्रहण के बुरे प्रभाव से बचने के लिए कई नियम भी होते हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है।

साल 2022 में कुल चार ग्रहण लगेंगे, जिनमें दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होंगे। पहला सूर्य ग्रहण 30 अप्रैल 2022 को लगा था। सूर्य ग्रहण खत्म होने के बाद अब साल का पहला चंद्र ग्रहण लगने जा रहा है। वैशाख पूर्णिमा या बुद्ध पूर्णिमा के दिन साल का पहला चंद्र ग्रहण लगेगा। बता दें कि यह खग्रास यानी पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। पूर्ण चंद्र ग्रहण होने के बावजूद यह भारत में दिखाई नहीं देगा।

 जानें चंद्र ग्रहण लगने का सही समय
साल का पहला चंद्र ग्रहण सोमवार 16 मई को लगेगा। यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। लेकिन चूंकि इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा, इसलिए यहां इसका सूतक काल भी मान्य नहीं होगा। ज्योतिष के अनुसार सूतक उस स्थिति में मान्य होता है जब ग्रहण दिखाई देता है। बता दें कि चंद्र ग्रहण से 9 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है और इस दौरान खाना खाने, बाहर जाने, शुभ कार्य करने और पूजा-पाठ करने जैसे कई कार्यों पर मनाही होती है। लेकिन यह चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। इसलिए सभी कार्य किए जा सकेंगे।

भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण 16 मई सुबह 8 बजकर 59 मिनट से शुरू होगा और 10 बजकर 23 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ग्रहण की कुल अवधि 1 घंटे 24 मिनट होगी।

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कब लगता है खग्रास या पूर्ण चंद्र ग्रहण
सूर्य की परिक्रमा करते हुए जब पृथ्वी ठीक उसके सामने आ जाती है और चंद्रमा भी उसी समय पृथ्वी के सामने आ जाता है, तो ऐसी स्थिति में पृथ्वी सूर्य को पूरी तरह से ढक लेती है और चंद्रमा तक सूर्य का प्रकाश नहीं पहुंच पाता। इसे ही पूर्ण चंद्र ग्रहण कहा जाता है। पूर्ण या खग्रास चंद्र ग्रहण के दौरान ग्रहण के दृश्य को साफ तौर पर देखा जा सकता है। भले ही इस ग्रहण को भारत में नहीं देखा जा सकेगा लेकिन अन्य कई देशों में ग्रहण साफ दिखाई देगा।

कहां देखा जा सकेगा साल का पहला चंद्र ग्रहण

अटलांटिक, अंटार्कटिका, दक्षिण और पश्चिमी यूरोप, दक्षिणी और पश्चिमी एशिया, उत्तरी अमेरिका के अधिकांश हिस्से, अफ्रीका ,दक्षिणी अमेरिका, हिंद महासागर और प्रशांत महासागर में यह ग्रहण साफ दिखाई देगा।

(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्‍स नाउ नवभारत इसकी पुष्‍ट‍ि नहीं करता है।)

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