- ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषि की पूजा की जाती है
- महिलाओं के लिए ऋषि पंचमी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है
- हिंदू धर्म के मुताबिक ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं अगर यह व्रत रखती हैं तो वे सभी पापों से मुक्ति पा लेती हैं
Rishi Panchami 2022 Mantra: भाद्रपद की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल ऋषि पंचमी का व्रत 1 सितंबर को मनाया जाएगा। ऋषि पंचमी का व्रत गणेश चतुर्थी के अगले दिन और हरतालिका तीज व्रत के दूसरे दिन रखा जाता है। ऋषि पंचमी के दिन सप्त ऋषि की पूजा की जाती है। महिलाओं के लिए ऋषि पंचमी का व्रत बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म के मुताबिक ऋषि पंचमी के दिन महिलाएं अगर यह व्रत रखती हैं तो वे सभी पापों से मुक्ति पा लेती हैं। ऐसा कहा जाता है कि मासिक धर्म के दौरान अगर महिलाओं से जाने अनजाने में कोई गलती हो जाए तो यह व्रत रखकर सभी दोषों से मुक्ति पा सकती हैं। इस व्रत का विशेष महत्व हिंदू धर्म में बताया गया है। आइए जानते हैं ऋषि पंचमी के दिन किस मंत्र का जाप करना चाहिए व व्रतधारी महिलाओं को कौन से कार्य नहीं करने चाहिए।
ये कार्य न करें
मान्यताओं के अनुसार जो भी महिला ऋषि पंचमी का व्रत रखती हैं उन्हें जमीन पर बोए गए किसी भी अनाज का सेवन नहीं करना चाहिए। व्रत के दौरान मोरधन या पसई धान का ही सेवन करना चाहिए। इसके अलावा फलाहारी चीजें खानी चाहिए। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को यह व्रत नहीं रखना चाहिए।
सप्तऋषि पूजन का मंत्र व अर्थ
'कश्यपोत्रिर्भरद्वाजो विश्वामित्रोथ गौतमः।
जमदग्निर्वसिष्ठश्च सप्तैते ऋषयः स्मृताः॥
दहन्तु पापं सर्व गृह्नन्त्वर्ध्यं नमो नमः'॥
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अर्थ- हे कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, वसिष्ठ ऋषियों आप सब मेरे द्वारा दिया गया अर्घ्य स्वीकार करें और मुझ पर अपनी कृपा सदैव बनाए रखें।
इस श्लोक में कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, विश्वामित्र, गौतम, जमदग्नि, वसिष्ठ ऋषियों के नाम बताए गए हैं। इनके नामों के जाप से सभी पाप कर्म नष्ट हो जाते हैं। इसके अलावा इस दिन गरीब, निर्धन व जरूरतमंद को दान करने का विशेष महत्व है।
(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)