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Chhath Puja Sandhya Arghya Time, Vidhi: व्रती आज भगवान सूर्य को देंगे शाम का अर्घ्य, जानिए समय और विधि 

Chhath Puja Time and Method of Worship
Updated Nov 20, 2020 | 12:24 IST

छठ पूजा प्रारंभ हो चुका है और व्रती पहला अर्घ्य यानी शाम का अर्घ्य 20 नवंबर को देंगे। जबकि सुबह का यानी अंतिम अर्घ्य 21 नवंबर को दिया जाएगा जिसके साथ ही छठ व्रत की समाप्ति होगी।

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Chhath Puja Time and Method of WorshipChhath Puja Time and Method of Worship
तस्वीर साभार:&nbspPTI
छठ पूजा में अर्घ्य देने का समय और व्रत विधि।
मुख्य बातें
  • छठ का पहला अर्घ्य व्रती शुक्रवार यानी 20 नवंबर को देंगे
  • छठ का अंतिम और सुबह का अर्घ्य व्रती 21 नवंबर को देंगे
  • गौर हो कि इस बार छठ पूजा 18 से लेकर नवंबर तक होगा

नई दिल्ली: छठ पूजा की शुरुआत हो चुकी है। नहाय खाय और खरना के बाद 20 नवंबर यानी शुक्रवार को व्रती शाम को सूर्य भगवान को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करेंगे। गौर हो कि हिंदू धर्म संस्कृति में खासकर पूर्वांचल के लिए छठ पूजा का विशेष महत्व है।

यह पर्व सूर्य भगवान की अराधना का है जिसमें व्रती उपवास करते हुए दो दिन याानी सुबह और शाम का सूर्य भगवान को अर्घ्य देते हैं। मुख्य रूप से यह भगवान सूर्य की अराधना का पर्व है जिसमें उगते सूरज के साथ डूबते सूरज को अर्घ्य दिया जाता है। 

छठ पूजा बिहार और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में बहुत महत्वपूर्ण पर्व है।  इस त्योहार के दौरान पूरा परिवार एक साथ इकट्ठा होता है और एक साथ ही सूर्य देव की प्रार्थना करता है। इसलिए धार्मिक और सामाजिक दोनों दृष्टि से इस त्योहार का हमारे समाज में महत्वपूर्ण योगदान है।

सुबह और शाम को अर्घ्य देने का समय

20 नवंबर यानी शुक्रवार को शाम के अर्घ्य का समय: 5 बजकर 25 मिनट और 26 सेकेंड का निर्धारित किया गया है। 21 नवंबर यानी शनिवार को सुबह के अर्घ्य का समय 6 बजकर 48 मिनट 52 सेकेंड निर्धारित है। गौर हो कि छठ पूजा में पहला अर्घ्य शाम को दिया जाता है और दूसरा अर्घ्य सप्तमी को यानी सुबह में दिया जाता है जिसके बाद छठ व्रत की समाप्ति होती है।

शाम को भगवान सूर्य का अर्घ्य तब दिया जाता है जब भगवान सूर्य अस्तालचल के अंतिम चरण में होते है। सुबह का अर्घ्य भगवान सूर्य को तब देते हैं जब उनकी लालिमा व्रतियों को दिखने लगती है। सप्तमी को ही भगवान सूर्य को सुबह के अर्घ्य के साथ छठ व्रत का समापन हो जाता है। 

सूर्य भगवान को अर्घ्य देने का मंत्र 

ॐ घृणि सूर्याय नम: या आप ॐ सूर्याय नम: मंत्र का उच्चारण करते हुए भगवान सूर्य को अर्घ्य दे सकते हैं।
उसके अलावा आप इन मंत्रों का भी अर्घ्य देते वक्त जाप कर सकते हैं।

ॐ मित्राय नम: 
ॐ रवये नम: 
ॐ भानवे नम: 
ॐ खगाय नम: 
ॐ घृणि सूर्याय नम: 
ॐ पूष्णे नम: 
ॐ हिरण्यगर्भाय नम: 
ॐ मरीचये नम: 
ॐ आदित्याय नम: 
ॐ सवित्रे नम: 
ॐ अर्काय नम: 
ॐ भास्कराय नम: 
ॐ श्री सवितृ सूर्यनारायणाय नम: 
सूर्यदेव आराधना मंत्र - ॐ सूर्य आत्मा जगतस्तस्युषश्च आदित्यस्य नमस्कारं ये कुर्वन्ति दिने दिने। 

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