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Krishna Janmashtami 2022: इस साल कृष्ण जन्माष्टमी में बन रहा है खास योग, जानिए तिथि-शुभ मुहूर्त व पूजा विधि

Updated Jul 18, 2022 | 15:40 IST

Krishna Janmashtami 2022 Shubh Muhurat: हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल जन्माष्टमी का उत्सव 18 अगस्त को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी में एक खास योग बन रहा है, जो काफी शुभ है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना की पूर्ति होती है।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Janmashtami
मुख्य बातें
  • हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था
  • उत्सव 18 अगस्त दिन गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा
  • कृष्ण जन्माष्टमी में इस साल खास योग बन रहा है

Krishna Janmashtami 2022: Puja Vidhi: हिंदू धर्म में कृष्ण जन्माष्टमी का विशेष महत्व है। जन्माष्टमी हर साल भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि के साथ रोहिणी नक्षत्र के दिन मनाई जाती है। हिंदू धर्म में मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री कृष्ण का जन्म हुआ था। हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी का उत्सव 18 अगस्त दिन गुरुवार को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाएगा। इस साल कृष्ण जन्माष्टमी के दिन खास योग बन रहा है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण के बालस्वरूप कृष्ण गोपाल की पूजा अर्चना की जाती है। कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण की रात में पूजा का महत्व है। ऐसी मान्यता है कि भगवान श्री कृष्ण का जन्म रात के समय हुआ था। इस दिन भगवान श्री कृष्ण की विधि विधान से पूजा करने पर हर मनोकामना पूरी होती हैं। आइए जानते हैं कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा विधि व शुभ मुहूर्त के बारे में...

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जानिए शुभ मुहूर्त

हिंदू पंचांग के अनुसाप जन्माष्टमी इस साल 18 अगस्त 2022, गुरुवार को है। अष्टमी तिथि 18 अगस्त को शाम 09 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ होगी, जो कि 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट पर समाप्त होगी।

बन रहे हैं खास योग

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल कृष्ण जन्माष्टमी में एक खास योग वृद्धि योग बन रहा है। इस योग में किए गए कार्य सफल होते हैं। इसलिए इस बार की जन्माष्टमी बेहद खास है। जन्माष्टमी पर अभिजीत मुहूर्त 18 अगस्त को दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक रहेगा। वृद्धि योग 17 अगस्त को दोपहर 08 बजकर 56 मिनट से 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट तक रहेगा। धुव्र योग 18 अगस्त रात 08 बजकर 41 मिनट से 19 अगस्त रात 08 बजकर 59 मिनट तक रहेगा। व्रत पारण का समय 19 अगस्त को रात 10 बजकर 59 मिनट के बाद होगा।

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कैसे करें पूजा

कृष्ण जन्माष्टमी के दिन पूजा करने से पहले भगवान श्री कृष्ण का पूरा श्रृंगार होता है। उन्हें झूले में बैठाया जाता है। श्रृंगार करने के बाद उन्हें अक्षत व रोली का तिलक लगाएं। कृष्ण भगवान श्री कृष्ण को वैजयंती के फूल अर्पित करना सबसे शुभ माना जाता है। श्री कृष्ण को माखन व मिश्री पंचामृत का भोग जरूर लगाएं। कृष्ण जन्माष्टमी की पूजा करते वक्त कृष्ण के विशेष मंत्रों का जाप जरूर करें। पूजा के बाद भगवान श्री कृष्ण को लगाया गया भोग सभी को प्रसाद के रूप में दें।

 (डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
 

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