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क्‍या कुंवारी कन्‍याओं को नहीं द‍िया जाता सौभाग्‍यवती भव का आशीर्वाद, जानें इसका पूर्ण अर्थ

Updated Nov 23, 2018 | 22:32 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

Deepika Padukone wedding dupatta Sada Saubhagyavati Bhava quote : जानें क्‍या है दीपिका पादुकोण के दुपट्टे पर लिखे सदा सौभाग्‍यवती भव के आशीर्वाद का अर्थ और व‍िवाह‍िता को ही क्‍यों मिलता है ये

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Sada Saubhagyavati Bhava quote meaning

Deepika Padukone wedding dupatta Sada Saubhagyavati Bhava quote : दीपिका पादुकोण ने अपनी शादी के साथ कई ट्रेंड स्‍थाप‍ित किए हैं और इन्‍हीं में से एक है प्र‍िंटेड दुपट्टे का कॉन्‍सेप्‍ट। बता दें क‍ि इटली में दीपिका ने डेस्‍ट‍िनेशन वेड‍िंग भले ही की थी लेकिन उनकी शादी में तमाम परंपराओं और व‍िध‍ियों का पालन किया गया। इसी दौरान स‍िंधी वेड‍िंग के दौरान वह ज‍िस लाल जोड़े में नजर आईं, उसके दुपट्टे पर सदा सौभाग्‍यवती भव का आशीर्वाद ल‍िखा था। 

बता दें क‍ि हिंदू परंपराओं में शादी के समय दुल्‍हन के ल‍िए लाल रंग सबसे शुभ माना गया है। इस रंग के जोड़े को वह सोहल श्रृंगार के साथ पहनती है और तमाम रीतें इसी में ही पूरी होती हैं। हालांकि जरूरी नहीं क‍ि सभी के दुपट्टों पर दीपिका को मिले दुपट्टे की तरह आशीर्वाद के शब्‍द लिखे हों। लेकिन बड़ों और बुजुर्गों से दुल्‍हन को सदा सौभाग्‍यवती भव का आशीर्वाद जरूर मिलता है। 

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क्‍या होता है सदा सौभाग्‍यवती भव का अर्थ 
बता दें क‍ि सदा सौभाग्‍यवती भव दरअसल संस्‍कृत का एक श्‍लोक है। इसमें सदा का अर्थ है हमेशा, सौभाग्‍यवती का अर्थ है भाग्‍य का सितारा चमकता रहे और भव का अर्थ है हो या होना। यानी इसे पाने वाली मह‍िला पर हमेशा भगवान की कृपा रहे और उसे किसी भी तरह की मुसीबत का सामना न करना पड़े। इसी के साथ ही ये उसके पति की उम्र, सेहत और तरक्‍की से भी जुड़ा है। अर्थात एक ही श्‍लोक में नवदंपति को हमेशा प्रसन्‍न, सेहतमंद और धन से पूर्ण रहने का आशीष द‍िया जाता है। 

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कुंवारी कन्‍या को क्‍यों नहीं मिलता ये आशीर्वाद 
इस आशीर्वाद का उल्‍लेख वेदों और महाभारत काल में भी मिलता है। हिंदू परंपराओं में स्‍त्री-पुरुष को एक दूसरे का पूरक माना गया है और दोनों के भाग्‍य की डोर भी एक दूसरे से बंधी मानी गई है। वहीं मह‍िला की किस्‍मत को अच्‍छे जीवनसाथी से जोड़ा गया है, जि‍सके पास धन व सेहत दोनों हों। चूंक‍ि व‍िवाह के बाद स्‍त्री माता-प‍िता के घर से ससुराल आती है, इसलिए उसे ये आशीर्वाद द‍िया जाता है क‍ि व‍िवाह के बाद उसको पति व नए परिवार का पूरा स्‍नेह व साथ मिले। साथ ही पति इतना गुणवान व संपन्‍न हो क‍ि स्‍त्री के जीवन में कोई कठ‍िनाई न आए। 

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