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Teej 2020 dates : एक महीने के अंदर मनाई जाएंगी हरियाली, हरितालिका और कजरी तीज, तीनों पर्व में है इतना अंतर

Updated Jul 21, 2020 | 20:59 IST

Difference between all three, Hariyali, Kajari aur Hartalika Teej : साल में तीन तीज आती है और तीनों ही एक दूसरे से अलग हैं। हालांकि तीनों में पूजा भगवान शिव और पार्वती की ही होती है। जानते हैं तीनों के अंतर को।

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Difference between All Three Teej, जानें, तीनों तीज में क्या है अंतर
मुख्य बातें
  • हरियाली और हरितालिका तीज शिव और पार्वती के प्रेम का प्रतीक है
  • कजरी तीज पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक माना जाता है
  • तीनों ही तीज में होती है शिव-पार्वती की ही पूजा

तीज हिंदू धर्म में सुहागिनों का सबसे अहम और महत्वपूर्ण व्रत माना गया है। तीज साल में तीन बार आती है। हरियाली, कजरी और हरतालिका तीज भले ही एक दूसरे से अलग हों, लेकिन इसमें कुछ समानता भी है। तीनों ही तीज में भगवान शंकर और देवी पार्वती की पूजा की जाती है। तीनों में ही निर्जला व्रत रखा जाता है और तीनों ही तीज का व्रत पति की लंबी उम्र के लिए किया जाता है। इस साल तीनों तीज एक ही महीने के अंतर में आ रही हैं। 

इन सारी समानता की के बीच कुछ चीजें हैं, जो इन्हें अलग करती हैं। हरियाली तीज सावन शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, वहीं कजरी तीज भाद्रपद कृष्ण पक्ष की तृतीया और हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है। तो आइए जानें, कि इन तीनों ही तीज में अंतर क्या है।

Hariyali Teej : इसलिए मनाई जाती है हरियाली तीज

हरियाली तीज सावन मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। भगवान शिव और देवी गौरी की पूजा के साथ महिलाएं बिना अन्न जल ग्रहण किए इस कठिन व्रत को करती हैं। हरियाली तीज सुहाग से जड़ा माना जाता है, क्योंकि इस दिन शिवजी ने देवी पार्वती को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। सावन मास में ही देवी ने 16 सोमवार के व्रत किए थे। यही कारण है कि हरियाली तीज का व्रत सुहागन स्त्रियों को अखंड सौभाग्य का वरदान देने वाला माना गया है।

Hariyali Teej 2020 Date : 

हरियाली तीज को साल 2020 में 23 जुलाई को मनाया जा रहा है। 

Kajari Teej : पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक है कजरी तीज

वहीं कजरी तीज भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन मनाई जाती हैं। कजरी तीज को कजली तीज, सातूड़ी तीज और भादो तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को सुहागन स्त्रियां अखंड सौभाग्यवती रहने के लिए करती हैं। कजली तीज की पौराणिक मान्यता है कि मध्य भारत में कजली नाम का एक वन था। एक बार वहां के राजा की असमय मृत्यु हो गई और इसके वियोग में रानी ने खुद को सती कर लिया। इस घटना से वहां के लोग इतने दुखी हो गए, लेकिन राजा-रानी के प्रेम से इतना प्रभावित हुए कि वे लोग कजली गीत गाने लगे थे। ये गीत पति-पत्नी के प्रेम का प्रतीक होता था। कजरी तीज मनाने की परंपरा यहीं से शुरू हुई। कजरी तीज पर गायों की पूजा का भी विशेष महत्व माना गया है। इस दिन शाम को व्रत तोड़ने से पहले महिलाएं सात रोटियों पर चना और गुड़ रखकर पहले गाय को खिलाती हैं।

Kajari Teej 2020 Date : 
इस साल कजरी तीज 6 अगस्‍त को मनाई जाएगी। 

Kajari Teej 2020 Tithi :
तृतीया त‍िथ‍ि की शुरुआत 5 अगस्‍त को रात 10:50 बजे से हो जाएगी। ये 7 अगस्‍त को तड़के 12:14 पर खत्‍म होगी।

Hartalika Teej : हरितालिका तीज के दिन शिव जी ने दिया था दर्शन

हरतालिका तीज की पौराणिक कथा के अनुसार पर्वतराज हिमालय अपनी पुत्री का विवाह भगवान विष्णु जी से करना चाहते थे, लेकिन देवी पार्वती शिवजी को अपना पति मान चुकी थीं। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए गंगा नदी के तट पर गुफा में जाकर वह तपस्या करते लगी थीं। देवी अन्न-जल त्याग कर शिवजी के गीत गाती रहती थीं। यह सब देखकर भोलेनाथ पिघल गए और भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया को हस्त नक्षत्र में शिवजी ने माता पार्वती को दर्शन दे दिए। उसके बाद माता पार्वती ने पूजा की सभी सामग्री नदी में प्रवाहित कर दी और अपना उपवास तोड़ दिया। इसलिए हरतालिका तीज पर महिलाएं सुंदर मंडप सजाकर बालू से शिव जी और पार्वती जी की प्रतिमा बनाकर उनका गठबंधन करती हैं।

Hartalika Teej 2020 date
साल 2020 में हरताल‍िका तीज 21 अगस्‍त को मनाई जाएगी। 

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