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Durga Ashtami 2020 Date: नवरात्र में किस दिन मनाई जाएगी अष्टमी? जानिए क्या है शुभ मुहूर्त

Updated Oct 22, 2020 | 16:02 IST

Durga Ashtami Kab Hai: नवरात्र में अष्टमी तिथि 23 अक्टूबर को है। महानवमी 24 अक्टूबर को है और दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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तस्वीर साभार:&nbspAP
नवरात्र में महाष्टमी 23 अक्टूबर को है।
मुख्य बातें
  • नवरात्र में अष्टमी तिथी 23 अक्टूबर को है
  • अष्टमी को देवी महागौरी की पूजा होती है
  • दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएजा

नई दिल्ली: देशभर में शारदीय नवरात्रि की धूम है। नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू हुआ है। 22 अक्टूबर यानी गुरुवार को मां दुर्गा के कात्यायनी स्वरुप की पूजा की जाती है। अब अगले तीन दिनों में नवरात्र के तीन देवी कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की पूजा होगी । सप्तमी के दिन देवी कालरात्रि , अष्टमी के दिन देवी महागौरी और नवमी के दिन महागौरी की पूजा होती है। अब भक्तों और श्रद्धालुओं को नवरात्र के सप्तमी अष्टमी, नवमी और दशहरा यानी विजयादशमी) का इंतजार है। गौर हो कि इस बार दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा। 

नवरात्र की अष्टमी पूजा

इस शारदीय नवरात्र में दुर्गा अष्टमी, महानवमी और दशहरा की तिथियों को लेकर थोड़ी असमंजस स्थिति है। नवरात्रि की महाष्टमी व नवमी  शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि इस वर्ष अष्टमी तिथि का प्रारंभ 23 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 58 मिनट पर हो रहा है, जो अगले दिन 24 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 57 मिनट तक है। ऐसे में इस वर्ष महा अष्टमी का व्रत 23 अक्टूबर को रखा जाएगा। इस दिन महागौरी की पूजा की जाती है। 

महाष्टमी पूजा के शुभ मुहूर्त 
:11:49am से 12:32pm तक
 02-06:58pm से 08:35pm तक
03-04:56am से 05:44 सुबह।

शारदीय नवरात्रि की महानवमी तिथि
इस वर्ष महानवमी तिथि का प्रारंभ 24 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 58 से हो रहा है, जो अगले दिन 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 42 मिनट तक है।  महानवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है। कन्या पूजन  24 अक्टूबर को करना है। हालांकि महाष्टमी और महानवमी दोनों ही तिथियों को कन्या पूजन किया जाता है।

दशहरा या विजयादशमी

शारदीय नवरात्रि की दशमी तिथि का प्रारंभ 25 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 40 मिनट से हो रहा है, जो 26 अक्टूबर को सुबह 09 बजकर 01 मिनट तक है। ऐसे में विजयादशमी या दशहरा का पर्व 25 अक्टूबर दिन रविवार को मनाया जाएगा।

महाष्टमी के दिन माता की प्रसन्न करने के लिए दुर्गासप्तशती का सम्पूर्ण पाठ करें।सिद्धिकुंजिकस्तोत्र का 51 या 108 पाठ करने से भी मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।इस समय माता के 32 नाम का जप करते रहिए। ब्रह्म मुहूर्त में श्री रामरक्षास्तोत्र का 07 बार पाठ करने से आपके शरीर की रक्षा होती है।अष्टमी की रात्रि में सप्तश्लोकी दुर्गा का 108 बार पाठ करने से समस्त मनोकामना पूर्ण होती 
है। माता की पूजा में विधि से ज्यादा श्रद्धा व समर्पण आवश्यक है।माता दुर्गा की पूजा के लिए मन का निर्मल रहना अति आवश्यक

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