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Dussehra 2022 Date, Muhurat: इस वर्ष विजयदशमी कब? दशहरा पर रहेंगे यह शुभ योग, जानें तिथि और मुहूर्त 

Updated Sep 17, 2022 | 15:09 IST

Dussehra 2022 Date Kab Hai, Time, Puja Muhurat (विजयदशमी कब है 2022): दशहरा का त्योहार भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है। इसे बुराई पर अच्छाई का प्रतीक माना गया है। यहां जानें इस वर्ष विजयदशमी कब है। 

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Dussehra 2022 Date (Pic: iStock)
मुख्य बातें
  • बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना गया है दशहरा। 
  • विजयदशमी के नाम से भी जाना जाता है यह त्योहार। 
  • आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाई जाती है विजयदशमी।  

Dussehra 2022 Date, Time, Puja Muhurat in India: भारत में दशहरा का त्योहार धूमधाम से मनाया जाता है। बुराई पर अच्छाई की जीत के इस त्योहार पर हर जगह रौनक देखने को मिलती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, दशहरा या विजयदशमी पर भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस त्योहार को राम जी के रावण पर विजय के रूप में मनाया जाता है, इसलिए इस दिन रावण दहन होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, दशहरा का पर्व हर वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि पर मनाते हैं। शारदीय नवरात्रि के नौ दिनों के बाद इस त्योहार को मनाया जाता है। यहां जानें इस वर्ष दशहरा या विजयदशमी कब है और इस दिन शुभ समय कब है। 

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दशहरा 2022 की तिथि (Dussehra 2022 Date, Vijayadashami 2022 Date in India) 

अंग्रेजी पंचांग के अनुसार, इस वर्ष आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि 5 अक्टूबर के दिन पड़ रही है। ऐसे में विजयदशमी का त्योहार 05 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि एक दिन पहले यानी 04 अक्टूबर को दोपहर 02:21 से प्रारंभ होगा। इसके बाद दशमी तिथि 05 अक्टूबर को दोपहर 12 बजे समाप्त हो जाएगी। उदया तिथि 05 अक्टूबर को है इसलिए इस दिन यह त्योहार मनाया जाएगा। 

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विजयदशमी 2022 पर शुभ मुहूर्त (Dussehra 2022 Shubh Muhurat) 

कई ज्योतिष का कहना है कि इस वर्ष दशहरा पर अमृत काल और दुर्हुमूर्त बन रहा है। ऐसे में यह दोनों बेहद शुभ योग हैं। इन दोनों शुभ मुहू्र्त में लोग नए कार्य प्रारंभ कर सकते हैं। यह भी कहा जाता है कि दशहरा तिथि पर ही मां दुर्गा ने महिषासुर राक्षस का वध किया था। इस लिए इस दिन भगवान राम के साथ मां दुर्गा की पूजा भी की जाती है। रावण दहन के नियम के अनुसार, सूर्यास्त के बाद भी रावण करना शुभ होता है। माना जाता है कि रावण दहन के साथ दोष, ग्रहों की विपरीत स्थिति, रोग, शोक और हर तरह के संकट से मुक्ति मिल जाती है।

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