- विजयदशमी का पावन पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
- इस दिन भगवान राम ने लंकापति रावण का किया था वध।
- दशहरे की पूजा में श्री राम की आरती करें, यहां इसके हिंदी लिरिक्स बताए गए हैं।
Dussehra 2021 Puja Vidhi, Shubh Muhurat, Mantra, Aarti: कोरोना की पहली और दूसरी लहर की समाप्ति व देश में बड़े स्तर पर वैक्सीनेश के बाद इस साल लोग दशहरा को लेकर काफी उत्साहित हैं। सुबह से लोगों ने इस पावन पर्व की तैयारी शुरु कर दी है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम ने लंकापति रावण का वध किया था और मां दुर्गा ने महिषासुर नामक दैत्य का अंत कर तीनों लोक को उसके अत्याचार से बचाया था। विजयदशमी का पावन पर्व अधर्म पर धर्म की जीत व अन्याय पर न्याय की विजय के रूप में मनाया जाता है।
इस दिन आध्यात्मिक और मानसिक शक्तियों में वृद्धि के साथ कष्टों के निवारण हेतु मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम की पूजा अर्चना की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं आरती के बिना देवी देवताओं की पूजा को अपूर्ण माना जाता है। जी हां स्कंद पुराण के अनुसार यदि कोई व्यक्ति मंत्र या पूजा विधि नहीं भी जानता, लेकिन आरती कर लेता है तो देवी देवता उसकी पूजा को पूर्ण रूप से स्वीकार कर लेते हैं। वहीं आरती के बिना देवी देवताओं का पूजन अधूरा माना जाता है। ऐसे में आइए जानते हैं दशहरा पूजा विधि, शुभ मुहूर्त, समय और आरती के बारे में।
Dussehra 2021 Date, Puja Vidhi, Muhurat, Katha, Aarti, Timings : Check all updates
Dussehra 2021 Puja Vidhi, दशहरा 2021 पूजा विधि
दशहरा यानि विजयदशमी के दिन भगवान राम, मां दुर्गा, मां सरस्वती, भगवान गणेश और हनुमान जी की पूजा अर्चना की जाती है। तथा इस दिन शमी के वृक्ष की पूजा भी की जाती है। इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान आदि कर साफ और सुंदर वस्त्र धारण करें। फिर सर्वप्रथम गाय के गोबर की दस केकड़ियां या कंडे बना लें। इन केकड़ियां पर आटा, हल्दी और रोली का टीका लगाएं। इसके बाद नवरात्रि के दिन बोए गए जौ को इन केकड़ियां पर लगाएं। तथा धूप दीप कर आप इस तरह परिवार के साथ दशहरे की पूजा संपन्न कर सकते हैं।
Dussehra 2021 Puja time, दशहरा 2021 पूजा का शुभ मुहूर्त और समय
पूजा का शुभ मुहूर्त आज यानि 15 अक्टूबर 2021, शुक्रवार को दोपहर 02 बजकर 02 मिनट से दोपहर 02 बजकर 48 मिनट तक है। पूजा की कुल अवधि 46 मिनट तक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार विशिष्ट संयोग में पूजन करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और कष्टों का निवारण होता है। तथा इस दिन भगवान राम की पूजा अर्चना कर रामचरितमानस में अंकित रामचंद्र जी की आरती करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
Dussehra Shri Ram Aarti lyrics in hindi, भगवान राम की आरती के हिंंदी लिरिक्स
श्री रामचंद्र कृपालु भजु मन हरण भवभय दारुणम्
नवकंज-लोचन, कंज-मुख, कर कंज, पद कंजारुणम्
कंदर्प अगणित अमित छबि, नवनील-नीरद सुंदरम्
पटपीत मानहु तड़ित रुचि शुचि नौमि जनक-सुतानरम्
भजु दीनबंधु दिनेश दानव-दैत्य-वंश-निकंदनम्
रघुनंद आनंदकंद कोशलचंद दशरथ-नंदनम्
सिर मुकुट कुंडल तिलक चारु उदारु अंग विभूषणम्
आजानुभुज शर-चाप-धर, संग्राम-जित-खर-दूषणम्
इति वदित तुलसीदास शंकर-शेष-मुनि-मनरंजनम्
मम् ह्रदय-कंज-निवास कुरु, कामादि खल-दल-गंजनम्