- वैवाहिक जीवन में बाधा उत्पन्न करता है कुंडली में मंगल दोष
- मांगलिक का अर्थ होता है कुंडली में मंगल का प्रभावी होना
- ज्योतिष उपायों से दूर हो सकता है मंगल दोष
Upay Of Mangal Dosh Effects: महिला या पुरुष दोनों ही मांगलिक हो सकते हैं। किसी महिला या पुरुष के मांगलिक होने का मतलब होता है कि उनकी कुंडली में मंगल ग्रह की स्थिति प्रभावी है। व्यक्ति की कुंडली में अगर मंगल प्रथम, चतुर्थ,अष्टम या द्वादश भाव में होता है तो ऐसे में मंगल दोष कहा जाता है। इनमें अष्टम और द्वादश भाव में मंगल का होना सबसे बुरा माना जाता है। किसी व्यक्ति की कुंडली में मंगल दोष या मांगलिक दोष होने पर उसके विवाह में बाधाएं आती है। अगर विवाह हो भी जाता है कि वैवाहिक जीवन में परेशानियां बनी रहती है। अगर आप भी मांगलिक हैं तो विवाह से पहले इन आसान उपायों से मंगल दोष दूर कर सकते हैं।
मांगलिक दोष निवारण-
मांगलिक दोष का निवारण करने के लिए आप किसी अनुभवी ज्योतिषी की सलाह ले सकेत हैं। साथ ही कुछ आसान उपायों को करने से भी कुंडली में स्थित मंगल दोष को दूर किया जा सकता है।
- भात पूजन- उज्जैन का मंगलनाथ एकमात्र ऐसा स्थान है जहां मंगल दोष दूर करने के लिए भात पूजन कराया जाता है।
- कुंभ विवाह- कुंभ विवाह का अर्थ होता है किसी मांगलिक व्यक्ति का विवाह किसी मिट्टी के घड़े के साथ कराया जाता है और फिर बाद में उसे फोड़ दिया जाता है।
- हनुमान चालीसा- मंगल दोष दूर करने के लिए हनुमानजी की पूजा और हनुमान चालीसा भी असरदार होता है। मंगलवार के दिन हनुमनाजी को सिंदूर चढ़ाकर पूजा करें और भक्ति भाव से हनुमान चालीसा का पाठ करें। इससे कुंडली में स्थित मंगल दोष शांत होता है।
- शाकाहार बने- मंगल दोष वाले व्यक्ति को मांसाहारी भोजन से दूर रहना चाहिए। अगर आप मांसाहारी हैं तो खासकर विवाह से पहले इसे छोड़ने का संकल्प जरूर लें।
Also Read: Mango Tree: घर के बाहर इस दिशा में लगाइए आम का पेड़, परिवार में बढ़ेगी उन्नति और खुशहाली
क्या होता है मंगल/मांगलिक दोष
मांगलिक दोष के उपाय जानने के बाद यह जानते हैं कि आखिर मंगल या मांगिलक दोष होता क्या है। दरअसल कुछ लोगों का ऐसा मानना होता है कि जिस व्यक्ति का जन्म मंगलवार के दिन हुआ है, वह मांगलिक होता है। लेकिन जन्म के दिन से मंगल दोष का पता नहीं चलता। यह केवल मिथक है। मंगल दोष का पता सिर्फ व्यक्ति की कुंडली से ही चलता है। मांगलिक दोष भी दो तरह के होते हैं एक उच्च या पूर्ण मांगलिक दोष और दूसरा निम्न या आंशिक मंगल दोष।
उच्च या पूर्ण मंगल दोष- किसी व्यक्ति की कुंडली में लग्न या चंद्र कुंडली में 1, 4, 7, 8 या 12 वें भाव में स्थित होता है तो इसे उच्च मंगल दोष माना जाता है। ऐसे लोगों की जीवन कठिनाइयों से भरा होता है।
आंशिक मंगल दोष- निम्न या आंशिक मांगलिक व्यक्ति की जन्म कुंडली में लग्न या चंद्र 1, 4, 7, 8 या 12 इनमें से किसी एक में होता है तो इसे आंशिक मांगलिक दोष कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार जब व्यक्ति 28 साल का होता है तो यह दोष अपने आप समाप्त भी सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)