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Rice During Ekadashi: एकादशी के दिन नहीं खाना चाहिए चावल, जानिए क्या है इसके पीछे की धार्मिक वजह

Updated Aug 15, 2022 | 17:17 IST

Ekadashi Rule Niyam: हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा पाठ व व्रत रखने से हर मनोकामना पूरी होती है। एकादशी के दिन चावल खाना वर्जित माना जाता है। इसके पीछे कई धार्मिक व वैज्ञानिक कारण है।

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तस्वीर साभार:&nbspInstagram
Ekadashi rice
मुख्य बातें
  • एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर हर मनोकामना पूरी होती है
  • एकादशी का व्रत को करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्ति पा लेता है
  • शास्त्रों में एकादशी व्रत को करने के कई नियम है

Rice During Ekadashi 2022: हिंदू धर्म में एकादशी का विशेष महत्व है। एकादशी हर महीने 2 बार पड़ती हैं। साल में 24 एकादशी पड़ती है। इसलिए इस व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। ऐसी मान्यता है कि एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विधि विधान से पूजा अर्चना करने पर हर मनोकामना पूरी होती है। हर एक एकादशी का अपना विशेष महत्व होता है। एकादशी को हरी वासर या हरि का दिन भी कहा जाता है। इस व्रत को करने से व्यक्ति सभी पापों से मुक्ति पा लेता है। शास्त्रों में एकादशी व्रत को करने के कई नियम है। जिनका पालन सही तरीके से करने पर व्रत का शुभ फल मिलता है। एकादशी के दिन तामसिक भोजन से परहेज करना चाहिए और इसके अलावा इस दिन चावल भी नहीं खाया जाता है। आइए जानते हैं एकादशी के दिन क्यों नहीं खाना चाहिए चावल।

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क्या है धार्मिक मान्यता

पौराणिक कथा के अनुसार माता शक्ति के क्रोध से बचने के लिए महर्षि मेधा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया था। इसके बाद उनके शरीर का अंश धरती माता के अंदर समा गया। मान्यता है कि जिस दिन महर्षि का शरीर धरती में समा गया था, उस दिन एकादशी थी। कहा जाता है कि महर्षि मेधा ने चावल और जौ के रूप में धरती पर जन्म लिया। यही वजह कि चावल और जौ को जीव मानते हैं इसलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाया जाता। मान्यता है कि एकादशी के दिन चावल खाना महर्षि मेधा के मांस और रक्त के सेवन करने जैसा माना जाता है।

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वैज्ञानिक दृष्टि से समझिए

वैज्ञानिक दृष्टि के अनुसार चावल में जल तत्व की मात्रा अधिक होती है और जल पर चंद्रमा का प्रभाव अधिक पड़ता है। चंद्रमा मन का कारक ग्रह होता है। एकादशी के दिन चावल को खाने से शरीर में जल की मात्रा बढ़ जाती है। इससे मन विचलित और चंचल होने लगता है। जिस वजह से मन में कई तरह की भावनाएं उत्पन्न होती हैं, जो व्रत को बाधित करती हैं। यही वजह है एकादशी के दिन चावल नहीं खाना चाहिए।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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