हनुमानजी का चमत्कारी रूप मनुष्य के हर संकट को हरने का दम रखता है। विद्वान कहते हैं कि एक बार अगर हनुमान जी का नाम ले लिया तो समझो सारा डर खत्म हो गया। हनुमान के भक्त का कोई शत्रु नहीं होता। आए दिन हनुमान जी के अलग अलग तरह के चमत्कार सुनने को मिलते हैं। ऐसा ही चमत्कार एक उत्तरप्रदेश के इटावा से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर थाना सिविल लाइन क्षेत्र के गांव रूरा के पास यमुना नदी के निकट पिलुआ महावीर मंदिर में देखने को मिलता है।
इस मंदिर में ऐसे हनुमान जी हैं जो अपने भक्तों की मुरादें तो पूरी करते ही हैं और साथ में मंदिर में मौजूद होने का संकेत भी देते हैं। भक्तों के मुताबिक हनुमान जी लड्डू खाते हैं। यही नहीं मूर्ति के मुख से लगातार राम नाम की ध्वनी भी सुनाई देती है और मूर्ति में सांसें चलने का आभास भी होता है। यहां जानें इस हनुमान मंदिर के बारे में और भी रोचक बातें....
हनुमान की मूर्ति खाती है प्रसाद
बताया जाता है कि यहां मौजूद मूर्ति के मुंह में जितना भी लड्डू डालो वह कहां गायब हो जाता है पता ही नहीं चलता। यह वर्षों से इसी क्रम में चला आ रहा है। किसी को नहीं पता कि आखिर प्रसाद जाता कहां है।
क्या है इस मंदिर का इतिहास
पिलुआ वाले हनुमान जी के नाम से प्रसिद्ध इस मंदिर का इतिहास भी काफी रोचक है। मंदिर के पुजारी बताते हैं कि पिलुआ एक जंगली पेड़ होता है। इसकी जड़ के नीचे एक दिन हनुमान जी दबे हुए एक राजा को मिले थे। उस राजा ने उन्हें वहां से निकलवा कर उनके लिये उसी जगह पर एक छोटा सा मंदिर बनवाया। तभी इसे इस मंदिर का नाम पिलुआ वाले महावीर पड़ गया।
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