लाइव टीवी

Chanakya Niti: अगर जीतना है तो इन उपायों को तुरंत अपनाएं, नहीं तो शत्रु से हार सुनिश्चित

Updated May 10, 2022 | 21:45 IST

Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य नीति के अनुसार, सफल व्यक्ति को अपने शत्रुओं से सदैव सतर्क और सावधान रहना चाहिए। व्‍यक्ति को शत्रु को कभी कमजोर समझने की भूल नहीं करनी चाहिए। शत्रु हमेशा आपकी कमियों का लाभ उठाने का प्रयत्न करता है। इसलिए इन बातों का ध्‍यान रखना जरूरी है।

Loading ...
Chanakya Niti
मुख्य बातें
  • शत्रु को हराने की एक योजना हमेशा तैयार रखें
  • हमेशा सतर्क रहें, कमजोरियों का फायदा न उठानें दें
  • कभी किसी की न तो बुराई करें और न ही सुनें

Chanakya Niti in Hindi: आचार्य चाणक्‍य अपने नीतिशास्‍त में कहते हैं कि, व्‍यक्ति के पास सफलता के साथ शत्रु भी आते हैं। सफल व्यक्ति को अपने शत्रुओं से सदैव सतर्क और सावधान रहना चाहिए। आाचार्य चाणक्य के अनुसार शत्रु दो प्रकार के होते हैं एक वो जो दिखाई देते हैं और ज्ञात हैं। दूसरे वो जो दिखाई नहीं देते और अज्ञात हैं। आचार्य के अनुसार अज्ञात शत्रु अधिक खतरनाक होते हैं, ये छुप कर पहले व्‍यक्ति की कमजोरी पहचानते हैं और फिर पीछे से वार करते हैं। इसलिए ऐसे शत्रुओं से हमेशा बच कर रहना चाहिए। आचार्य चाणक्‍य ने नीति शास्‍त्र में दुश्‍मनों से बचने के कई उपाय बताए हैं। चाणक्य नीति कहती है कि, अगर व्‍यक्ति इन 4 बातों का ध्‍यान रखे तो शत्रु पीछे से वार नहीं कर सकता।

योजना तैयार रखें

आचार्य चाणक्य के अनुसार दुश्‍मन को कभी कमजोर नहीं समझना चाहिए। उससे मुकाबला करने के लिए एक योजना पहले से ही बनाकर रखें। ध्‍यान रखें कि अपनी योजनाओं के बारे में हर किसी से चर्चा न करें। योजनाओं को लेकर हमेशा जिम्मेदार और विश्वासपात्र व्यक्तियों से ही चर्चा करनी चाहिए। कार्य पूर्ण होने के बाद भी इस विषय पर बात करनी चाहिए। योजना के बारे में यदि सतर्कता नहीं बरतेंगे तो शत्रु आपकी इस आदत का लाभ उठाकर आपके कार्य में बाधा भी पहुंचा सकता है।

सतर्कता जरूरी

चाणक्य नीतिशास्‍त्र कहती है कि, व्‍यक्ति को ध्‍यान रखना चाहिए कि शत्रु सदैव आप पर दृष्टि रखते हैं। वह आपकी कमियों को तलाशने में लगा रहता है। इसलिए सदैव सावधान रहना चाहिए और कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए, जिससे शत्रु को आप पर जीत हासिल करने का मौका मिल जाए।

बुराई से बच कर रहें

आचार्य चाणक्य कहते हैं कि, व्‍यक्ति को बुराई से बच कर रहना चाहिए। अगर जीवन में बड़ी सफलता प्राप्त करनी है और दुश्‍मन को हराना है तो न किसी की बुराई करें और न ही किसी की बुराई सुनें। बुराई करने और सुनने से भी हानि होती है और शत्रु को बल मिलता है। इसलिए इस आदत का त्याग करना चाहिए।

मर्यादा का ध्‍यान रखें

आचार्य चाणक्य की नीति कहती है कि मानव जीवन में हर रिश्ते की एक मर्यादा होती है। व्‍यक्ति को कभी भी इस मर्यादा को नहीं लांघना चाहिए। इस आदत का भी शत्रु लाभ उठाता है। शत्रु अपने साथ ऐसे लोगों को जोड़ने को तैयार रहता है, जो आपसे नाराज हों। इसलिए संबंधों में सदैव अनुशासन बनाकर कर रखना चाहिए।

(डिस्क्लेमर : यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर लिखी गई है। टाइम्स नाउ नवभारत इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | अध्यात्म (Spirituality News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल