- गणेश चतुर्थी का पर्व 10 दिनों तक चलता है
- गणेश जी को रोजाना मोदक का भोग लगाना चाहिए
- गणेश जी की स्थापना के समय विशेष मंत्र का जाप करें
Ganesh chaturthi Murti Sthapana Vidhi: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। 10 दिनों के उत्सव में लोग अपने घरों एवं पंडालों में गणपति की स्थापना करते हैं। इस बार ये पर्व 10 सितंबर को है। इस दिन शुभ मुहूर्त पर बप्पा को घर लाने एवं उनकी पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। तो क्या है मूर्ति स्थापना के नियम और किन बातों का रखें आइए जानते हैं।
गणपति स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त
इस बार गणेश चतुर्थी 10 सितंबर, शुक्रवार को है. पूजा एवं गणपति स्थापना का शुभ मुहर्त दोपहर 12:17 बजे से लेकर रात 10 बजे तक रहेगा. शुभ मुहूर्त पर गणपति को बिठाने से घर में खुशहाली आती है। साथ ही मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं।
पूजा के नियम
गणपति की स्थापना करते समय सबसे पहले चौकी पर जल छिड़कें और इसे शुद्ध करें। इसके बाद चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं और उस पर अक्षत छिड़के। अब भगवान गणेश की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद भगवान गणेश को स्नान कराएं। मूर्ति के दोनों तरफ रिद्धि-सिद्धि के रूप में एक-एक सुपारी रखें। गणपति की दाई ओर जल का कलश रखें। अब हाथ में अक्षत लेकर भगवान गणेश का ध्यान करें और उनका आवाहन करें। इस दौरान गणेश जी के ऊं गं गणपतये नम: मंत्र का जाप जरूर करें।
भगवान को अपर्ति करें ये चीजें
गणपति स्थापित करने के बाद भगवान को सिंदूर, केसर, हल्दी, चंदन, मौली, जनेऊ, लाल पुष्प, दूर्वा , मोदक, नारियल सहित आदि अन्य सामग्री चढ़ाएं। आखिर में गणेशजी को 21 लड्डूओं का भोग लगाएं और उनकी आरती उतारें। आरती के बाद गणेश प्रतिमा के पास पांच लड्डू रखकर बाकी के लड्डू ब्राह्मणों और गरीबों में बांट दें। साथ ही खुद भी प्रसाद ग्रहण करें।