- सनातन धर्म में गणेश जयंती का है विशेष महत्व।
- इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी का हुआ था जन्म।
- गणेश जयंती का व्रत संतान प्राप्ति व संतान संबंधी सभी समस्याओं के निवारण के लिए भी है खास।
Ganesh Jayanti 2022 Date, Time, Puja Muhurat: माघ मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश चतुर्थी (Ganesh jayanti 2022) का पावन पर्व मनाया जाता है, इसे गणेश जयंती, माघ विनायक चतुर्थी भी कहते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। कहा जाता है कि माता पार्वती ने इस दिन उवटन से एक बालक की आकृति बनाकर और उसकी प्रांण प्रतिष्ठा की थी, ये बालकर विघ्नहर्ता भगवान गणेश कहलाए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है।
Ganesh Jayanti 2022 Date and Time In India, गणेश जयंती 2022 कब है
हिंदू पंचांग के अनुसार माघ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है। इस बार गणेश जयंती 4 फरवरी 2022, शुक्रवार को है। चतुर्थी तिथि 4 फरवरी को सुबह 4 बजकर 38 मिनट से शुरू होकर 05 फरवरी 2022 को सुबह 03 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त 11:24 AM से 01:43 AM तक यानी 2 घंटे 19 मिनट तक है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार गणेश जयंती के दिन विधिवत विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी की पूजा करने से पूरे साल के गणेश चतुर्थी व्रत के शुभफल की प्राप्ति होती है।
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Ganesh Jayanti 2022 Puja Time And Moonrise time, गणेश जयंती 2022 की तिथि व पूजा मुहूर्त और चंद्रोदय का समय
गणेश जयंती 2022 डेट | 4 फरवरी 2022, शुक्रवार |
चतुर्थी तिथि प्रारंभ | 4 फरवरी 2022 को तड़के 4:38 से |
चतुर्थी तिथि की समाप्ति | 5 फरवरी 2022 को 03:47 AM पर |
गणेश जयंती पूजा शुभ मुहूर्त | दिन में 11:24 बजे से लेकर दोपहर 01:43 तक |
रवि योग | सुबह 7:08 बजे से शाम 03:58 बजे तक |
शिव योग | शाम 07:10 बजे तक |
अभिजित मुहूर्त | दोपहर 12:13 बजे से दोपहर 12:57 तक |
अमृत काल | 08:10 AM से 09:44 AM तक |
विजय मुहूर्त | दोपहर 2:24 से 3:08 AM तक |
राहुकाल | दोपहर 11:13 बजे से दोपहर 12:35 तक |
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Ganesh jayanti importance and significance, गणेश जयंती का महत्व
सनातन धर्म में गणेश जयंती का विशेष महत्व है। विघ्नहर्ता भगवान गणेश को संकटमोचक भी कहा जाता है। इस दिन विधि विधान से भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करने से जीवन में सुख-समृद्धि और खुशहाली आती है। महाराष्ट्र में गणेश जयंती का पावन पर्व बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन सिद्धिविनायक मंदिर में भक्तों का तांता लगता है, लोग बड़े धूमधाम से गणेश जी का जन्मदिवस मनाते हैं।
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संतान प्राप्ति के लिए
बता दें गणेश जयंती का व्रत संतान प्राप्ति व संतान संबंधी सभी समस्याओं के निवारण के लिए खास होता है, क्योंकि इस दिन मां पार्वती ने गणेश जी को जन्म दिया था। इस दिन विधिवत विघ्नहर्ता गौरी गणेश की पूजा अर्चना करने से संतान की दीर्घायु व सुख समृद्धि का वरदान प्राप्त होता है।
सकट चौथ और गणेश जयंती में क्या अंतर है
माघ मास में कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को सकट चौथ का व्रत होता है, वहीं शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को गणेश जयंती का पावन पर्व मनाया जाता है। सकट चौथ का व्रत सभी दुखों व विघ्न बाधाओं को दूर करने के लिए मनाया जाता है, जबकि गणेश जयंती का पावन पर्व गणेश जी के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन बड़े हर्षोल्लास से भक्त विघ्नहर्ता भगवान गणेश जी का जन्मदिन मनाते हैं